दस विद्यार्थी हो गए तो बचेगा स्कूल
राज्य ब्यूरो, शिमला : पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को 10 या इससे अधिक विद्यार्थी
राज्य ब्यूरो, शिमला : पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को 10 या इससे अधिक विद्यार्थी मिल गए तो वे जारी रहेंगे। यदि नए सत्र में इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 10 हो जाती है तो वे बंद नहीं होंगे। मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में पांच से कम विद्यार्थियों वाले 99 स्कूलों को बंद करने के निर्णय के बाद सरकार ने शिक्षा विभाग से इन स्कूलों की सर्वे रिपोर्ट मांगी है। इसके तहत प्रधान और संबंधित प्रशासन से यह पूछा जाएगा कि क्या अगले सत्र के लिए 10 विद्यार्थी आ सकते हैं?
सरकार ने सर्वे करके रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है कि यदि बच्चे को स्कूल जाने के लिए रास्ते में नाले या पुल से गुजरना पड़ा है तो ऐसी परिस्थितियों में भी स्कूल खोला जा सकता है। शिक्षा विभाग द्वारा रिपोर्ट सरकार को सौंपे जाने के बाद ही स्कूल बंद करने की अधिसूचना जारी होगी। चालू वित्त वर्ष में 158 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर एक भी बच्चे का दाखिला नहीं हुआ है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों की यह सूची तैयार की है। बीते पांच साल में 144 प्राथमिक स्कूल बंद किए गए हैं। यदि स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या नहीं बढ़ती है व स्कूल बंद हो जाता है तो विभाग इसे पंचायतों के सुपुर्द कर देगा जिसमें फिर आंगनबाड़ी केंद्र चलाए जा सकते हैं। पुन: यदि विभाग स्कूल शुरू करना चाहेगा तो पंचायतों को ये विभाग को सौंपने होंगे।
कई स्कूलों में एक भी बच्चा नहीं
158 प्राइमरी स्कूलों की जिलावार रिपोर्ट में शिमला में 22, हमीरपुर में 15, बिलासपुर में 21, ऊना में 14, सिरमौर में 20, सोलन में 16, किन्नौर में एक, मंडी में 18, कुल्लू में 17 व चंबा में 14 स्कूलों में बच्चों की जीरो एनरोलमेंट दर्ज की गई है। इनमें 63 ऐसे स्कूल हैं, जहां पर बीते चार साल से तीन से पांच बच्चे पढ़ रहे थे। इस साल इनमें एक भी बच्चा नहीं पढ़ रहा है।
शिक्षक बोले, चालू सत्र में मर्ज या बंद न हों स्कूल
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ बुधवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से इस मामले पर मिला है। शिक्षकों ने मांग की है कि चालू सत्र में कोई स्कूल मर्ज या बंद न किया जाए। नए सत्र में ही स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया की जाए ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो।