मुख्यमंत्री जी, एचआरटीसी को बनाएं विभाग व रोडवेज
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मुल
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मुलाकात कर कहा कि दिन रात सेवाएं देने के बाद भी उन्हें समय पर वित्तीय लाभ नहीं दिए जा रहे हैं। कर्मचारियों को वित्तीय लाभों के लिए कई महीने इंतजार करना पड़ता है। शुक्रवार को संयुक्त समन्वय समीति का प्रतिनिधिमंडल देवराज ठाकुर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से ओकओवर में मिला। उन्होंने हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को विभाग व रोडवेज बनाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि पथ परिवहन निगम एक सार्वजनिक सेवा प्रदाता संस्था है जो कभी लाभ अर्जित करने के उदेश्य से नहीं चलाई जाती और न ही यह कभी लाभ में आई है। इस संस्था को होने वाले घाटे का सबसे पहला व सीधा प्रभाव कर्मचारियों के वितीय लाभ रोकने के रूप में सामने आता है। इसलिए सहायता शब्द के बजाए संचालन व्यय का आकलन कर क्षतिपूर्ति शब्द का प्रयोग करते हुए निगम के संचालन का सारा खर्च सरकार उठाए तथा एक सशक्त परिवहन नीति बनाकर इसके हितों की सुरक्षा करे। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम प्रबंधन कर्मचारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों तथा संयुक्त समन्वय समिति के महीनों से लंबित मागपत्रों पर निगम प्रबंधन न तो कोई कार्रवाई कर रहा है तथा न ही उनसे कोई वार्ता की जा रही है।
मुख्यमंत्री से की गई मांगें
1. निगम प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश वापस ले लिए गए। उस स्थिति में उनके खिलाफ कोई मामला शेष नहीं रहता। इसलिए उनकी 16 जून 2016 से पुन: सेवा ग्रहण तक की अवधि को नियमित किया जाए। बर्खास्तगी बहाली के आदेश के साथ जोड़ी गई शर्तो को रद किया जाए।
2 आंदोलन के कारण निगम कर्मचारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करना, वेतन काटना जैसी सभी प्रकार की विभागीय कार्रवाई को निरस्त किया जाए।
3 कर्मचारियों की समस्याओं के लिए परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के साथ वार्ता की जाए।
4. एस्मा जैसे कानून को हटाया जाए।