केंद्र की फॉरेस्ट क्लीयरेंस बिना होंगे निर्माण कार्य
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में अब सभी तरह के विकास कार्यो के लिए केंद्र सरकार
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में अब सभी तरह के विकास कार्यो के लिए केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों को वन संरक्षण अधिनियम यानि फॉरेस्ट कंजरवेशन एक्ट में छूट दे दी गई है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने दो महीने बाद प्रदेश सरकार द्वारा भेजे वन सरंक्षण अधिनियम में छूट के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव राज्यपाल के पास था।
प्रदेश सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में वन संरक्षण अधिनियम में छूट का प्रावधान दो वर्षो के लिए किया है। इसके तहत अब इन क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण सहित भवनों, पनविद्युत परियोजनाओं और स्कूलों व अस्पतालों के निर्माण को प्रदेश सरकार मंजूरी प्रदान कर सकेगी। जनजातीय क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्य वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी न मिलने के कारण फंसे हुए थे। सूत्रों के अनुसार ऐसे लटके कार्यो की संख्या सैकड़ों में हैं।
कमेटी का होगा गठन
प्रदेश सरकार द्वारा कमेटी का गठन किया जाएगा जो जनजातीय क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यो को देखेगी। इन कार्यो के आकलन के बाद ही कमेटी मंजूरी प्रदान करेगी।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के समान होंगी शक्तियां
राज्यपाल द्वारा मंजूरी प्रदान करने के साथ ही प्रदेश सरकार को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के समान शक्तियां होंगी। सरकार हर तरह के विकास कार्यो को मंजूरी प्रदान कर सकेगी।