नगर निगम को सालाना 10.62 करोड़ दिलाएगा टूटीकंडी रोप-वे
राज्य ब्यूरो, शिमला : टूटीकंडी रोप-वे कंगाल नगर निगम शिमला के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट साबित होकर सालाना
राज्य ब्यूरो, शिमला : टूटीकंडी रोप-वे कंगाल नगर निगम शिमला के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट साबित होकर सालाना 10 करोड़ 62 लाख रुपये दिलाएगा। इस राशि में सालाना पांच फीसद की बढ़ोतरी का भी प्रावधान किया गया है। इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए साढ़े तीन वर्ष का समय निर्धारित कर दिया गया है।
टूटीकंडी प्रोजेक्ट को फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी मिल गई है। इस रोप-वे को लेकर सात सदस्यीय कमेटी का गठन कर लिया गया है। यह कमेटी शनिवार को टूटीकंडी में रोप-वे का दौरा करेगी और ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात के लिए बनने वाली नई सड़क की संभावनाओं का पता लगाएगी। राजधानी शिमला के लोगों सहित देशी और विदेशी पर्यटकों को अब मालरोड तक पहुंचने के लिए ट्रैफिक जाम और चढ़ाई की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। रोप-वे से मात्र 40 से 100 रुपये में 10 से 20 मिनट में मालरोड पर पहुंच सकेंगे। करोड़ों रुपये के इस प्रोजेक्ट में चार टर्मिनल बनेंगे। राजधानी के सर्कुलर रोड पर ट्रैफिक जाम न हो, इसके लिए पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।
कहां बनेंगे रोप-वे के टर्मिनल
टूटीकंडी बस अड्डे से पूर्व पर्यटन सूचना केंद्र के साथ बाइपास के पास रोप-वे का सबसे बड़ा टर्मिनल बनेगा। यह 2500 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला होगा। दूसरा टर्मिनल फरहिल होटल के पास बनाया जाएगा। यह 400 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला होगा। तीसरा टर्मिनल 1000 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा जो लिफ्ट के पास बनाया जाएगा। चौथा व आखिरी टर्मिनल जोधा निवास के पास पीडब्ल्यूडी पार्किंग की खाली भूमि पर बनाया जाएगा।
एक घटे में जा सकेंगे एक हजार लोग
रोप-वे में एक घटे में एक हजार लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकेंगे। इसके लिए एक हजार लोगों के एक घंटे में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाला सिस्टम लगाया जाएगा। रोप-वे में छह से आठ सवारियों को ले जाने के लिए कैबिन लगाए जाएंगे। इन कैबिन से बाहर का दृश्य देखने के लिए मजबूत काच लगा होगा।
उपमार्ग का भी होगा निर्माण
टूटीकंडी रोप-वे को लेकर सात सदस्यीय कमेटी शनिवार को दौरा करेगी। इसके लिए एक उपमार्ग का निर्माण भी किया जाना प्रस्तावित है। यह कमेटी सारी स्थिति का जायजा लेगी। रोप-वे के निर्माण को फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल गई है। नगर निगम को इससे करीब 11 करोड़ रुपये सालाना मिलेंगे।
-मनीषा नंदा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (शहरी विकास)