पारदर्शी कर संग्रहण प्रणाली से कारोबारियों को मिली राहत
हिमाचल सरकार ने व्यापारी वर्ग को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ पारदर्शी राजस्व संग्रहण जैसे कई प्रभावी कदम उठाए हैं।
शिमला [जेएनएन] : राजस्व संग्रहण में आबकारी एवं कराधान विभाग के महत्व के दृष्टिगत राज्य सरकार ने व्यापारी वर्ग को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ पारदर्शी राजस्व संग्रहण जैसे कई प्रभावी कदम उठाए हैं। प्रदेश के कुल राजस्व संग्रहण में विभाग का 65 प्रतिशत योगदान है। आबकारी एवं कराधान विभाग ने तीन वर्षों में 15287.77 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है तथा इस वर्ष 6,558.57 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है।
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प्रदेश के सभी पंजीकृत व्यापारियों एवं कारोबारियों को बीमा कवर प्रदान करने के उद्देश्य से इस वर्ष बिना किसी कारोबार की सीमा के सभी पंजीकृत डीलरों को समूह दुर्घटना बीमा योजना के दायरे में लाया जा रहा है जिसका प्रिमियम राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। समूह दुर्घटना बीमा योजना के तहत मिलने वाली 2 लाख रुपये की राशि को भी बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया गया है। केवल 25 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को ही यह सुविधा प्रदान की जा रही थी। इससे कारोबारियों का भविष्य सुरक्षित हुआ है।
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कारोबारियों की सुविधा के लिए इस वर्ष 1.50 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार करने वाले डीलरों को डीम्ड एसेसमैंट के दायरे में लाया जा रहा है जबकि पहले यह सुविधा एक करोड़ रुपये का सालाना कारोबार करने वाले व्यापारियों को ही प्राप्त थी। इस सुविधा के चलते व्यापारियों को विभाग के कार्यालयों में बार-बार चक्कर काटने से राहत मिली है और उन्हें अपने व्यावसायिक परिसरों अथवा घरों पर ही हर समय, यहां तक की अवकाश के दिनों में भी इस सेवा का लाभ प्राप्त हो रहा है।
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छोटे व्यापारियों की सुविधा के लिए ही इस वर्ष 30 लाख रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाले व्यापारियों को एक मुश्त कर योजना के दायरे में लाया जा रहा है। इसके तहत केवल एक प्रतिशत की दर से कर देने की व्यवस्था की गई है जबकि पहले यह सुविधा केवल 25 लाख रुपये का सालाना कारोबार करने वाले व्यापारियों को ही मिल रही थी। ऊर्जा वचत के बढ़ावे के लिए सभी प्रकार की एलईडी लाईटों पर वैट की वर्तमान दर 13.5 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ट्रकों एवं बसों की बॉडी फैब्रीकेशन पर वैट की दर को 13.75 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है। प्रदेश सरकार ने वैट रिफंड को समयबद्ध करने के लिए पहले ही नियमों में संशोधन कर दिया है।
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इसी प्रकार से प्रदेश में पर्यटन के प्रोत्साहन स्वरूप हिमाचल प्रदेश विलास कर अधिनियम, 1979 के अंतर्गत पिछड़ी पंचायतों में पहली अप्रैल, 2013 से प्रचलन में आए होटलों तथा होम-स्टे को दस वर्ष की अवधि के लिए विलास कर में छूट प्रदान की गई है। उद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए नए उद्योगों से औद्योगिक इनपुर पर प्रवेश शुल्क को वर्तमान की 2 प्रतिशत की दर को घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। 300 से अधिक हिमाचलियों को रोज़गार देने वाले उद्योगों से पहले 5 वर्षों तक केवल 2 प्रतिशत विद्युत शुल्क लिया जा रहा था, जिसे घटाकर एक प्रतिशत किया गया है।