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गाड़ी सरकारी, मौज हमारी

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल सरकार करोड़ों रुपये का ऋण लेकर प्रदेश को जैसे-तैसे चला रही है। वहीं, सरक

By Edited By: Published: Tue, 22 Nov 2016 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 22 Nov 2016 01:00 AM (IST)
गाड़ी सरकारी, मौज हमारी

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल सरकार करोड़ों रुपये का ऋण लेकर प्रदेश को जैसे-तैसे चला रही है। वहीं, सरकार के उच्च अधिकारी ही सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं। सरकारी काम के लिए मिलने वाली सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग हो रहा है। प्रदेश के उच्च अधिकारियों के साथ उनके परिवार व बच्चों की भी ऐश है। सरकारी सुविधाओं की ऐश सरकार पर भारी पड़ रही है।

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प्रदेश के बडे़ व छोटे साहबों के बच्चों को स्कूल से लाने व ले जाने के लिए धड़ल्ले से सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग किया जा रहा है। साहबों की पत्‍ि‌नयों व परिवार के लोगों की सैर भी सरकारी वेतन पर सरकारी चालक करवा रहे हैं। राजधानी शिमला में सरकार के सामने ही नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिन्हें सरकारी गाड़ियों के प्रयोग का प्रावधान भी नहीं है, वे भी सरकारी गाड़ियों में घूम रहे हैं। इस संबंध में कोई निरीक्षण और न कोई कार्रवाई की जा रही है। अधिकारी इसके लिए अपना निजी दौरा तक नहीं दिखाते और सरकारी खजाने से ही पैसा चुकता होता रहता है।

एक बच्चे के लिए एक गाड़ी से यातायात जाम

स्कूल में एक बच्चे के लिए एक गाड़ी आने के कारण यातायात जाम की समस्या आ रही है। स्कूल लगने व स्कूल की छुट्टी के दौरान सबसे ज्यादा यातायात समस्या पेश आ रही है। इस दौरान हर दिन निजी स्कूलों के बाहर सड़कों पर इतनी गाड़ियां पार्क हो रही हैं कि वहां से निकलना मुश्किल हो जाता है।

राजधानी के तीन स्कूलों के बाहर हालत खराब

राजधानी शिमला के तीन स्कूलों के बाहर हालत खराब है। इनमें ताराहॉल स्कूल, एडवर्ड व चैल्सी स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों के बाहर सरकारी गाड़ियों की संख्या बहुत ज्यादा रहती है। ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार के उच्च अधिकारियों की बैठक है जिसमें भाग लेने के लिए अधिकारी आए हैं।

चालकों की भी मौज

अधिकारियों के साथ चालकों की भी मौज है। उनके बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने के साथ बीच में वे अपने बच्चों को लाने व ले जाने के लिए भी टांका लगा लेते हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार के खजाने पर दोहरी मार पड़ रही है।

सरकारी गाड़ी के निजी उपयोग के लिए कटता है वेतन

सरकारी अधिकारी वाहन को निजी कार्यो के उपयोग के लिए 750 रुपये मासिक अपने वेतन से कटवाते हैं। यह पैसा सरकारी खजाने में जाता है। इस वेतन के तहत वे 200 किलोमीटर तक सरकारी गाड़ी का निजी उपयोग कर सकते हैं।

-वीसी फारका, मुख्य सचिव, हिमाचल प्रदेश


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