राष्ट्रपति को भेजा औषधि एवं प्रसाधन का संशोधित विधेयक
राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्य सरकार ने औषधि एवं प्रसाधन संशोधित विधेयक राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेज
राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्य सरकार ने औषधि एवं प्रसाधन संशोधित विधेयक राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेज दिया है। राज्य में दवाओं का मादक द्रव्यों के रूप में दुरुपयोग के खतरे को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश विधानसभा में पिछले सत्र के दौरान औषधि एवं प्रसाधन विधेयक-1940 में संशोधन कर औषधि एवं प्रसाधन विधेयक , 2016 पास कर इसे और अधिक सख्त बनाया गया है। इस विधेयक को सहमति के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया है। मुख्य सचिव वीसी फारका ने कहा कि विधानसभा की ओर से इस विधेयक के पास किए जाने से धारा 18 की उपधारा (सी) तथा धारा 27 की उपधारा (बी) के उपनियम (दो) के अंतर्गत इससे जुड़े सभी प्रकार के अपराध संज्ञेय गैर जमानती होंगे। संशोधन में किसी भी परिसर जहा अधिनियम की धारा 18 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए किसी भी प्रकार की औषधि व कॉस्मेटिक का निर्माण अथवा बिक्री अथवा भंडारण अथवा प्रदर्शन अथवा बिक्री व वितरण की पेशकश की जा रही हो, को सील करने का प्रावधान है।
हाल ही में मंत्रिमंडल ने सहायक दवा निरीक्षकों के तीन और दवा निरीक्षकों के 22 पद भरने की स्वीकृति प्रदान की है। इस प्रकार दवा नियंत्रक निदेशालय के प्रवर्तन एवं नियामक प्रक्रिया को दो गुणा बढ़ाया गया है। फारका ने बताया कि राज्य में एक वर्ष से नशीली दवाओं के खतरों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया है। दवा निरीक्षकों को इन दवाओं की बिक्री व निर्माण करने वाले समस्त परिसरों, विशेषकर राज्य के सीमांत क्षेत्रों जहा इन दवाओं का निर्माण अथवा बिक्री नशे के रूप में की जाती है, पर सख्त निगरानी के निर्देश दिए हैं। निरीक्षकों (बिक्री) की कड़ी में महज सात महीनों में 385 निरीक्षण किए गए। जबकि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान बिक्री परिसरों के 232 निरीक्षण किए गए थे। सात माह के दौरान 91 मामलों में नशीली दवाओं को जब्त किया गया और गत वित्त वर्ष के दौरान नशीली दवाएं केवल 33 मामलों में जब्त की गई थी।