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हॉलैंड से हिमाचल आएगी श्वेत क्रांति

जानकारी -दूध उत्पादन और प्रोसेसिंग की नई तकनीक जानने के लिए हॉलैंड दौरे पर हैं पशुपालन विभाग और मि

By Edited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 01:02 AM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 01:02 AM (IST)
हॉलैंड से हिमाचल आएगी श्वेत क्रांति

जानकारी

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-दूध उत्पादन और प्रोसेसिंग की नई तकनीक जानने के लिए हॉलैंड दौरे पर हैं पशुपालन विभाग और मिल्कफेड के अधिकारी

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए अब हॉलैंड की तकनीक को अपनाया जाएगा। इसके बाद श्वेत क्रांति जल्द हॉलैंड से हिमाचल आएगी। दूध उत्पादन और उसे प्रोसेस करने की तकनीक को देखने और समझने के लिए पशुपालन विभाग सहित मिल्कफेड के अधिकारी पिछले कुछ दिनों से हॉलैंड दौरे पर हैं। दुनियाभर में दूध उत्पादन में अग्रणी रहने वाले हॉलैंड से हिमाचल श्वेत क्राति के तरीके सीख रहा है और इन्हें प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसे लेकर मिल्कफेड की कुछ योजनाएं पहले से ही पाइपलाइन में हैं जिन पर हॉलैंड दौरे के बाद निर्णय लिया जाना है। पशुपालन विभाग के अधिकारी और मिल्क फेडरेशन के एमडी हॉलैंड में दुधारू पशुओंकी देखरेख सहित उनकी नस्लों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। इसके अलावा वहां दूध उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग की तकनीक भी सीख रहे हैं। वर्तमान में मिल्क फेडरेशन प्रदेशभर में रोजाना 70 हजार लीटर दूध प्रक्योर कर रहा है लेकिन हॉलैंड की तकनीक को अपनाकर इसे भविष्य में 1.25 लाख तक पहुचाया जाएगा। इतनी अधिक मात्रा में दूध का कारोबार बढ़ाने के लिए सरकार ने मिल्क फेडरेशन में 42 फंक्शनल पोस्टे भरने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है। वर्ष 1992 के बाद यह पहला मौका होगा, जब मिल्ड फेडरेशन में कोई फंक्शनल पोस्ट भरी जाएगी। इससे प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को भी मिल्ड फेडरेशन में नौकरी का अवसर भी मिलेगा।

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पहले 10 हजार लीटर दूध होता था प्रक्योर

1992 में मिल्क फेडरेशन के तीन प्रक्योरमेंट प्लाट थे और इनके माध्यम से रोजाना 10 हजार लीटर दूध की खरीद की जाती थी, लेकिन प्रदेश में लगातार बढ़ रही माग को देखते हुए मिल्क फेडरेशन अब 70 हजार लीटर दूध प्रक्योर कर रहा है। प्रक्योरमेंट प्लाट की संख्या भी बढ़कर 11 हो गई है और इसे आधुनिक तकनीक अपनाकर और बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत स्टाफ की कमी की है जिसे दूर कर मिल्क फेडरेशन दूध प्रोडेक्शन बढ़ाने के लिए पहले से ही तैयारी करने में जुट गया है।

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'हिमाचल में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए हॉलैंड की आधुनिक तकनीक को अपनाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।'

अनिल शर्मा, मंत्री पशुपालन विभाग।


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