डीएनए में पुष्टि, पानी के टैंक से बरामद कंकाल युग का ही
राज्य ब्यूरो, शिमला : राजधानी शिमला में चार वर्षीय युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या के मामले में सीआ
राज्य ब्यूरो, शिमला : राजधानी शिमला में चार वर्षीय युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या के मामले में सीआइडी द्वारा पानी के टैंक से बरामद कंकाल की डीएनए में पुष्टि हो गई है। फोरेंसिक लैब जुन्गा की ओर से की गई जांच में सामने आया है कि भराड़ी क्लस्टन के 12 लाख लीटर पानी की क्षमता वाले टैंक से सीआइडी ने जिस खोपड़ी व हड्डियों को बरामद किया था, वे युग की ही हैं।
डीएनए जांच की लिखित रिपोर्ट मिलते ही सीआइडी इस संबंध में चालान पेश कर देगी। फोरेंसिक लैब जुन्गा ने डीएनए रिपोर्ट को तैयार कर लिया है जिसे सीआइडी को भेजा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सीआइडी डीएनए रिपोर्ट सहित चालान को इसी सप्ताह दाखिल कर देगी। सीआइडी ने अपनी चार्जशीट में युग की हत्या के तीनों आरोपियों चंद्र शर्मा, तेजेंद्र पाल सिंह व विक्रांत बख्शी को मुख्य आरोपी बनाया है। चार्जशीट के लिए हत्या के तीनों आरोपियों के खिलाफ जुटाए गए सभी सुरागों सहित सारी रिपोर्ट को आधार बनाया गया है। इसी के आधार पर कड़ी से कड़ी सजा की सीआइडी पैरवी करेगी।
जिला न्यायालय में चार्जशीट फाइल करने के साथ सैशन जज से फास्ट टै्रक कोर्ट में युग मामले की सुनवाई के लिए अर्जी दाखिल की जाएगी। इसके अलावा दिन प्रतिदिन आधार पर मामले की सुनवाई हो, इसके लिए भी मांग की जाएगी। युग के अपहरण व हत्या के तीनों आरोपियों चंद्र शर्मा, तेजेंद्र पाल सिंह व विक्रांत बख्शी कीे न्यायिक हिरासत अवधि चार अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।
हत्या के आरोपियों की आज होगी पेशी
युग की हत्या के तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि मंगलवार को समाप्त हो रही है। तीनों आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोर्ट के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की जाएगी।
सीआइडी ने टैंक के पास बरामद की थी खोपड़ी
जांच में पता चला है कि युग की खोपड़ी क्लेस्टन के पानी के टैंक की सफाई के दौरान सफाई कर्मियों को मिल गई थी। टैंक साफ करने वाले कर्मियों ने अपनी नौकरी बचाने के लिए यह बात किसी को नहीं बताई कि टैंक से किसी बच्चे की खोपड़ी मिली थी। इस खोपड़ी को सीआइडी ने उसी टैंक के पास 22 अगस्त 2016 को बरामद किया था जहां टैंक साफ करने के बाद मलबा व हड्डियों को फेंका गया था। इसके साथ ही पानी के टैंक से पत्थर के नीचे से बाजू आदि की हड्डियों को बरामद किया गया था।