प्रदेश विवि में राजनीतिक गतिविधिया उचित नहीं : राज्यपाल
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की 27वीं वार्षिक कोर्ट बैठक राज्यपाल आचार
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की 27वीं वार्षिक कोर्ट बैठक राज्यपाल आचार्य देवव्रत की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि कोई भी शिक्षण संस्थान नई ऊंचाइयों को छू सकता है, बशर्ते इससे जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति दृढ़ इच्छा शक्ति का प्रदर्शन करें तथा ईमानदारी से कार्य करने के साथ-साथ जिम्मेदारी एवं जवाबदेही को भी साझा करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश विवि में राजनीतिक गतिविधियां उचित नहीं हैं। विश्वविद्यालय उच्च अध्ययन एवं मानवीय विकास के केंद्र हैं, लेकिन दुर्भाग्य से राजनीतिक गतिविधिया इन संस्थानों में शैक्षणिक माहौल को दूषित कर रही हैं और विश्वविद्यालय में हड़ताल व प्रदर्शनों से संस्थान की गरिमा पर विपरीत असर पड़ता है। विश्वविद्यालय बुद्धिजीवियों का संस्थान है और इनमें बुद्धिमता एवं अध्ययन की छवि प्रस्तुत करनी चाहिए। युवाओं को सही मार्गदर्शन करना हमारी जिम्मेदारी है और शिक्षण संस्थान में वातावरण में सुधार लाने के लिए उनके रचनात्मक सुझावों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्यों में से विधायक अनिरुद्ध सिंह को कार्यकारिणी परिषद में चुना गया। प्रदेश दंत महाविद्यालय शिमला के मौजूदा प्राचार्य एवं दंत विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. आरपी लुथरा को भारतीय दंत परिषद का सदस्य चुना गया। विश्वविद्यालय कोर्ट ने राज्य विधान पालिका के समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली वर्ष 2013- 14 व 2014-15 के वार्षिक प्रतिवेदनों को भी मंजूरी प्रदान की। विश्वविद्यालय कोर्ट ने वर्ष 2001-12 के लिए वार्षिक लेखा एवं लेखा परीक्षा रिपोर्ट को भी स्वीकृति प्रदान की।
कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी ने कहा कि प्रदेश विवि ने पांच साल के दौरान अनेक मील पत्थर स्थापित किए हैं। परिसर में शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए विवि में एससीए के लिए सीधे चुनाव पर प्रतिबंध लगाया है। विवि ने प्रत्येक विभाग के लिए मापदंड निर्धारित करने का निर्णय लिया है। घणाहट्टी में विश्वविद्यालय के नए परिसर के निर्माण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए 120 बीघा भूमि प्रदान की जा चुकी है। इस अवसर पर प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. राजिंद्र सिंह चौहान, प्रदेश हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर, उच्च शिक्षा निदेशक दिनकर बुराथोकी व अन्य उपस्थित थे।