करार की शर्ते पूरी न करने पर नपेंगे 19 डॉक्टर
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में डॉक्टरों की कमी से आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए विभाग अब सख्ती
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में डॉक्टरों की कमी से आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए विभाग अब सख्ती का रास्ता अपनाएगा। राज्य में तैनात एमबीबीएस चिकित्सक पीजी करने से पहले प्रदेश सरकार के साथ लिखित में करार करते हैं और ऐसा न करने पर उन्हें 15 लाख रुपये का भुगतान करना होता है, लेकिन पीजी की पढ़ाई पूरी होने के बाद कई चिकित्सक करार के अनुसार तय पैसा का बिना भुगतान किए नौकरी करने के लिए दूसरे राज्यों में चले जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 19 डॉक्टरों की सूची तैयार कर ली है जो कि करार के अनुसार लाखों का भुगतान किए बिना ही नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में चले गए। अब इन डॉक्टरों पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने पहले तो इन्हें नोटिस जारी किया गया है लेकिन कोई जवाब न आने पर अब स्वास्थ्य विभाग इनके खिलाफ न्यायालय जाने की तैयारी कर रहा है। यह शर्त उन्हीं चिकित्सकों पर लागू होती है जो एमबीबीएस प्रदेश में पहले से अपनी सेवाएं दे रहे हैं जबकि प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद प्रदेश में पीजी करने के लिए आते हैं उन पर ऐसी कोई शर्त लागू नहीं होती है। करीब दस वर्ष पहले पांच लाख रुपये का करारनामा भरा जाता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर पंद्रह लाख कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक बलदेव कुमार ने बताया कि प्रदेश में पहले से सेवाएं दे रहे एमबीबीएस के जो डॉक्टर पीजी करने जाते हैं उन्हें प्रदेश में ही पांच वर्ष तक सेवाएं देने के लिए बाध्य किया जाता है लेकिन 19 डॉक्टर ऐसे हैं जिन्होंने न तो करार के मुताबिक पांच वर्ष तक सेवाएं दी है और न करार की शर्त के अनुसार पैसा जमा करवाया है।