यंत्र पूरे नहीं, कैसे जाने भूकंप की तीव्रता
राज्य ब्यूरो, शिमला : सिजमिक जोन चार और पांच में आने वाले भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील हिमाचल
राज्य ब्यूरो, शिमला : सिजमिक जोन चार और पांच में आने वाले भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील हिमाचल में भूकंप मापी यंत्र की भी सुविधा नहीं है। महज तीन सिसमोग्राफ लगाकर ही विभाग यह जानने की कोशिश करता है कि भूकंप की तीव्रता क्या रही है। सिजमिक जोन पांच में आने वाले जिला किन्नौर के कल्पा में स्थापित सिसमोग्राफ लंबे समय से खराब है। ऐसे में रामपुर में आए भूकंप के मापन पर सवाल उठने लगे हैं। लोग गलत जानकारियों से भ्रमित हो रहे हैं।
गत दिनों से जिस तीव्रता से भूकंप के झटके रामपुर में आ रहे हैं, उसका सही आकलन नहीं हो पा रहा है। प्रदेश के कुल्लू व चंबा में आए भूकंप की तीव्रता के मापन पर भी सवालिया निशान हैं। भले ही भूकंप का केंद्र जमीन के दस किलोमीटर नीचे रहा हो, लेकिन क्या दिल्ली में बैठकर छोटे से क्षेत्र में आए भूकंप की सटीक जानकारी उपलब्ध करवा पाना संभव है। हिमाचल में स्थापित तीनों संयत्रों तक कंपन पहुंच ही नहीं रही है। रामपुर क्षेत्र एक फोल्ट लाइन पर स्थित है, जो दो प्लेटों के बीच का क्षेत्र है। केंद्र व राज्य सरकार आखिर इतने संवेदनशील क्षेत्र में लोगों की सुरक्षा के लिए संजीदा क्यों नहीं है।
भूकंप की तीव्रता मापने का तरीका
सिसमोग्राफ एक बॉक्स के आकार में होता है, जिसमें अंदर कई उपकरण लगे होते हैं। भूकंप आने पर खुद ही कंपन के साथ इसकी सुई घूमने लगती है। किस दिशा में भूकंप आया, कितनी गहराई रही, क्या केंद्र बिंदु रहा इससे सब पता चलता है। हिमाचल में केवल तीन ही ऐसे उपकरण लगे हैं, जो भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील प्रदेश के लिए पर्याप्त नहीं हैं। एक उपकरण कल्पा में लंबे समय से खराब पड़ा है। धर्मशाला व भराड़ी स्थापित किए भूकंप मापी यंत्रों पर ही वैज्ञानिकों की निगाह रहती है।
वहीं पूर्व भूगर्भवेता इंदेश धीमान के अनुसार स्थानीय क्षेत्र में भूकंप की तीव्रता मापने के लिए वहीं पर लगा हुआ यंत्र बिल्कुल सटीक जानकारी दे सकता है कि कितनी तीव्रता से भूकंप आया है और केंद्र बिंदु क्या है। वहीं जिस क्षेत्र में भूकंप आया है, उस क्षेत्र से दूर लगे हुए भूकंप मापी यंत्र यह जानकारी पूरी तरह सही नहीं बता सकते हैं। वह सिर्फ वही जानकारी दे पाएंगे यदि उसके समीप भी कंपन हुआ हो।
मौसम वैज्ञानिक रविंद्र शर्मा ने बताया कि भराडी, धर्मशाला व कल्पा में सिसमोग्राफ लगे हैं। कल्पा में लगा भूकंप मापी यंत्र काफी समय से खराब है। प्रदेश में आने वाले भूकंप की तीव्रता धर्मशाला व भराड़ी में ही मापी जा रही है।
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लोग बोले 45 बार थरथराई धरती, रिकार्ड पांच का
दो दिन में रामपुर में लोगों ने 45 बार भूकंप के झटके महसूस किए। वहीं मौसम विभाग के पास इस दौरान पांच बार धरती हिलने का रिकॉर्ड है। इसमें चार बार शनिवार को कुल्लू और रामपुर के समीप ही भूकंप का केंद्र बिंदु था। एक बार रविवार को जब भूकंप का केंद्र बिंदु चंबा रहा। मौसम विभाग की माने तो दो दिन में रामपुर में पांच बार धरती हिली है और एक बार चंबा में। इसके विपरीत रामपुर के लोगों का कहना है कि शनिवार को 42 झटके महसूस किए गए। उनमें से छह बड़े झटके थे और 36 हल्के। इसी तरह रविवार को भी लोगों ने तीन झटके महसूस किए। सुबह करीब तीन बजे धरती हिली तो लोग सहम गए। दो दिन से रामपुर, जुब्बल, चंबा व कुल्लू के लोग दहशत में जी रहे हैं, लेकिन विभाग के आंकड़े हैं कि लोगों के महसूस किए झटकों से मेल ही नहीं खा रहे हैं।