युग की हत्या के आरोपियो ने जुर्म कबूला
शिमला से चार साल के युग की अपहरण के बाद हत्या का जुर्म तीनों आरोपियों चंद्र शर्मा, तेजेद्र पाल सिंह व विक्रांत बख्शी ने कबूल कर लिया है।
शिमला [जेएनएन]: राजधानी शिमला से चार साल के युग की अपहरण के बाद हत्या का जुर्म तीनों आरोपियों चंद्र शर्मा, तेजेद्र पाल सिंह व विक्रांत बख्शी ने कबूल कर लिया है। सीआइडी ने वीरवार को आरोपियो को साथ लेकर अपहरण से लेकर हत्या तक का पूरा घटनाक्रम दोहराया और साक्ष्य के तौर पर उसका वीडियो सील कर दिया है। अपहरण और हत्या की लगभग अढ़ाई साल की प्रक्रिया को साढ़े पांच घंटे मे दोहराया गया।
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भारी सुरक्षा बल की तैनाती मे सीआइडी ने तीनों आरोपियों को लेकर आठ स्थानों पर घटनाक्रम दोहराया। वीरवार सुबह साढ़े सात बजे शुरू हुई यह प्रक्रिया दोपहर एक बजे तक चली। सीआइडी ने तुरंत कार्रवाई दल व सीआइडी के 25 जवानो व अधिकारियो की सुरक्षा मे पूरे घटनाक्रम को दोहराया। इसके लिए तीन गाडि़यो को लगाया गया था। डीएसपी भूपेद्र ब्रागटा की अगुवाई मे टीम ने हर स्थान की जांच की जिसके लिए विशेष रूप से वीडियोग्राफर को साथ रखा गया था। इसके बाद आरोपियो को भराड़ी थाने ले जाया गया।
सीन नंबर-1
सुबह साढ़े सात बजे रामबाजार, तेजेद्र का गोदाम
-14 जून 2014 को सुबह 11 बजे मौसम खराब था। युग को मैने तेजेद्र के गोदाम मे बुलाया। उसे कई चॉकलेट खिलाने के साथ अपने मोबाइल फोन पर वीडियो गेम खेलने को दी। वह घर जाने की जिद करता रहा पर उसे जबरदस्ती शाम तक रोके रखा। इसके बाद मै अपने काम से कही चला गया। -चंद्र शर्मा, मुख्य आरोपी
- चंद्र के जाने के बाद मैने गोदाम से पेटी निकाली, उसमे चारो तरफ से टेप लगाई। इसके बाद युग के मुंह पर टेप लगाई, उसके हाथ बांधे और पेटी मे बंद कर दिया। मै गाड़ी लेने चला गया -तेजेद्र पाल सिंह
-शाम करीब सात बजे मै तेजेद्र के गोदाम मे आया। तब तेजेद्र व चंद्र वही पर थे। चंद्रके साथ गाड़ी के पास पहुंचा। -विक्रांत बख्शी
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-रात नौ बजे गोदाम से उस पेटी को जिसमे युग को बंद किया था, अपने कंधे पर रखी और गुरुद्वारे के पास खड़ी गाड़ी मे डाला। -चंद्र
सीन दो
कर्नल की कोठी मे सुबह करीब साढ़े आठ बजे
-गाड़ी से लिफ्ट हाईकोर्ट होते हुए रामचंद्रा चौक मे कर्नल की किराये पर ली गई 22 नंबर कोठी मे पहुचे। गाड़ी से युग को पेटी सहित उतारने के बाद उसे वैसे ही बैडबॉक्स मे डाल दिया। -चंद्र शर्मा
-कारपेट पर युग के सारे कपड़े खोले। मैने वीडियो व फोटो अपने मोबाइल फोन पर खीचे। इस दौरान युग की पिटाई भी की जिससे फिरौती की रकम ली जा सके। उसे शराब भी पिलाई और बैडबॉक्स मे बांधकर रखते थे। -विक्रांत बख्शी
-तेजेद्र व विक्रांत वही पर रुक गए। मै अपने घर चला गया जिससे किसी को शक न हो। वहां पर हर स्थिति पर अपने घर से नजर रखी कि क्या-क्या हो रहा है। चंद्र
सीन तीन
चौड़ा मैदान व समरहिल मे
-मैने इस डाकघर से फिरौती के लिए एक पत्र व एक पार्सल भेजा जिसमे कपड़े आदि भी थे। समरहिल के इस डाकघर से भी फिरौती के लिए एक पत्र भेजा। 22 जून को जब युग की हत्या की गई तो चौड़ा मैदान मे इस जगह से मैंने ही बड़ा पत्थर गाड़ी मे डाला था और कर्नल की कोठी मे चले गए। -चंद्र
-मै भी चंद्र के साथ गाड़ी मे था। -तेजेद्र
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-अंबाला मे पैसे देने को कहा तो पैसे लेने नही गया। पैसे वहां लेने जाता तो पता चल जाता। बाद मे पुलिस के साथ सारी छानबीन मे मौजूद था तो पता था कि हमे पकड़ने के लिए पुलिस के साथ जाल बिछाया गया है। -चंद्र
-सीआइडी ने पत्थर केलेस्टन के पानी के 12 लाख लीटर टैक से बरामद किया।
सीन चार
केलेस्टन मे हत्या वाले टैक के पास सुबह करीब 11.30 बजे
-22 जून को पहले यहां का निरीक्षण किया। इसके बाद वापसी मे चौड़ा मैदान से पत्थर उठाया और नवबहार पहुंच कर युग को पेटी के साथ गाड़ी मे डाला। हाईकोर्ट होते हुए केलेस्टन मे बेहोशी की हालत मे युग को निकाला, उसके साथ बडे पत्थर को बांध दिया और टैक का ढक्कन खोल कर फेक दिया। -चंद्र
-मैं, चंद्र और विक्रांत केलेस्टन पहुंचे। मैंने और चंद्र ने मिलकर युग को टैक मे फेक दिया। -तेजेद्र
-22 जून को जब युग को टैंक में फेंकने के लिए लाया तो मै बार-बार कह रहा था रिज पर युग को छोड़ देते है मै छोडूंगा। चंद्र और तेजेद्र ने कहा कि वह हम दोनों को पहचानता है, हमे फंसा देगा। नही, इसे तो मारना ही पड़ेगा। पैसे तो नही मिलेगे। सारे मामले की जानकारी पुलिस को दे दी है। विक्रांत
सीन पांच
शोघी के पास कपडे़ बरामद करने के लिए
-गाड़ी मे युग के कपड़े और पेटी लेकर आया। यहां पर उसकी टीशर्ट फेक दी। कुछ देर बाद कपड़े और पेटी को यहां पर जला दिया। -चंद्र
-सीआइडी को युग के कपड़े नही मिले।