Move to Jagran APP

केएनएच में फर्श पर मरीजों के बिस्तर

जागरण संवाददाता, शिमला : राज्य मातृ एवं शिशु रोग अस्पताल कमला नेहरू में दिनोंदिन अव्यवस्था फैलती जा

By Edited By: Published: Mon, 25 Jul 2016 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2016 01:01 AM (IST)
केएनएच में फर्श पर मरीजों के बिस्तर

जागरण संवाददाता, शिमला : राज्य मातृ एवं शिशु रोग अस्पताल कमला नेहरू में दिनोंदिन अव्यवस्था फैलती जा रही है। न तो सफाई व्यवस्था है और न ही अस्पताल में दाखिल होने वालों के लिए पर्याप्त बैड हैं, जिसके कारण आए दिन लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। वर्ष 1924 से इस अस्पताल में 174 बैड से ही काम चलाया जा रहा है। इन 92 वर्षो में अस्पताल में जहां ओपीडी व महिलाओं की संख्या बढ़ी है। वहीं, दूसरी ओर तकनीक भी बदली, मगर बावजूद इसके बैड की संख्या 174 से आगे नहीं बढ़ सकी। आलम यह है कि कमला नेहरू अस्पताल को राज्य स्तरीय अस्पताल का दर्जा मिलने के बावजूद एक बैड पर दो से तीन महिलाओं को उनके नवजात शिशुओं को लेकर दिन गुजारने पड़ रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे जच्चा-बच्चा दोनों के स्वास्थ्य को खतरा रहता है।

loksabha election banner

सामान्य डिलीवरी के बाद जहां महिला को कुछ समय बाद घर भेज दिया जाता है, लेकिन कमला नेहरू अस्पताल में संक्रमण की वजह से महिलाओं को उसी बैड पर और दिन गुजारने पड़ रहे हैं। हालांकि अस्पताल का रिकॉर्ड खंगाला जाए तो हर वर्ष आने वाली महिलाओं की प्रतिशतता में वृद्धि हो रही है, जिसके चलते एक ओर जहां ओपीडी में चालीस से पचास प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं, दाखिल महिलाओं की संख्या भी पांच वर्षो में ही हजारों में है।

सफाई व्यवस्था खस्ताहालत

कमला नेहरू अस्पताल में सफाई व्यवस्था खस्ताहालत है। अस्पताल के स्नानागार का पानी बाहर फर्श पर बह रहा होता है। इससे सारी गंदगी वार्ड तक चली जाती है। इतना ही नहीं शौचालय की नालियां बंद होने के कारण आसपास दुर्गध फैली रहती है, इससे लोगों का यहां पर खड़ा रहना भी मुश्किल होता है। गंदगी बीमारियों को न्योता दे रही है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया है।

छत से टपकता है पानी

कमला नेहरू अस्पताल के एंटीनेटल वार्ड में छत से पानी टपकता है। वार्ड में पहले ही एक बैड में तीन-तीन मरीज दाखिल किए गए हैं। ऊपर से छत से पानी टपकने के कारण मरीजों को और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

जमीन पर लेटते हैं मरीज

कमला नेहरू अस्पताल में एक बैड पर तीन-तीन महिलाएं होने के कारण महिलाओं को रात के समय जमीन पर लेटने को मजबूर होना पड़ रहा है। रात होते ही अपनी तलाई और कंबल लाकर महिलाएं जमीन पर ही बिस्तर बना देती है।

जांच केंद्र की खस्ता हालत

कमला नेहरू अस्पताल में एंटीनेटल वार्ड में बने एग्जामिनेशन रूम की हालत खस्ता है। बैड पर भी गंदगी फैली हुई है। कूड़ेदान गंदगी से भरे हुए हैं। दीवारे सीलन के कारण खराब हो गई हैं। इस सबके बावजूद प्रशासन का कभी इस ओर ध्यान नहीं गया।

बयान

कमला नेहरू अस्पताल में प्रतिवर्ष ओपीडी, डिलीवरी व अन्य स्वास्थ्य संबंधी क्रियाओं की प्रतिशतता में वृद्धि होती रही है, क्योंकि यहां महिलाओं को बेहतर इलाज मिलता है। बैड की संख्या 174 है, इससे अधिक बैड रखने के लिए यहां जगह भी नहीं है। सीजेरियन में महिलाओं को कुछ दिनों के लिए दाखिल किया जाता है। नॉर्मल डिलीवरी में सिर्फ महिला को रेस्ट के लिए बैड पर लाया जाता है, जिसमें संक्रमण का खतरा नहीं रहता।

-एलएस चौधरी, एमएस, कमला नेहरू अस्पताल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.