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कलपुर्जे पुराने ही सही..बस चलनी चाहिए

जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बदहाल वित्तीय स्थिति के कारण निगम की गा

By Edited By: Published: Tue, 31 May 2016 01:03 AM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 01:03 AM (IST)
कलपुर्जे पुराने ही सही..बस चलनी चाहिए

जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बदहाल वित्तीय स्थिति के कारण निगम की गाड़ी धक्के से सरक रही है। निगम की बसों को जुगाड़ तंत्र से दौड़ाया जा रहा है। बसें पुराने कलपुर्जो के सहारे सड़कों पर दौड़ रही हैं।

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बसों में प्रयोग किए जाने वाले पुराने कलपुर्जे लोगों की जान के लिए खतरा साबित हो रहे हैं। निगम की वर्कशाप में नए कलपुर्जे नहीं हैं। इस कारण मजबूरन पुराने कलपुर्जे ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं। यदि निगम द्वारा नए कलपुर्जे खरीदे भी जाते हैं तो उनके सही होने या न होने की कोई गारंटी नहीं है। तकनीकी कर्मचारियों को बसों के खराब होने पर प्रशासनिक दबाव होने से किसी भी तरह उन्हें ठीक करना पड़ता है। वर्कशाप में नए कलपुर्जे न होने की सूरत में उन्हें पुराने कलपुर्जो से ही काम चलाना पड़ता है जिनकी कोई गारंटी नहीं होती है। लिहाजा कई बसें गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही बीच सड़क में खड़ी हो जाती हैं। वहीं इससे दुर्घटना होने का खतरा भी बना रहता है। दोनों परिस्थियों में यात्रियों को ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

जुगाड़ तंत्र का सहारा

एचआरटीसी की ढली वर्कशाप में भी मैकेनिक जुगाड़ तंत्र से ही बसों को सड़कों पर दौड़ने योग्य बनाते हैं। इस कारण आए दिन निगम की बसें कलपुर्जो की टूट फूट के कारण खराब हो जाती हैं जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है।

शौचालय है नहीं, गंदगी भरपूर

ढली वर्कशाप में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। वर्कशाप में चारों ओर गंदगी का आलम है। मैकेनिकों को काम करने लायक जगह नहीं मिल रही है। शौचालय की व्यवस्था न होने से दुर्गध फैली रहती है।

ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहीं शहर के लिए आई बसें

जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत खरीदी गई लाल बसों की हालत दयनीय हो चुकी है। शिमला शहर के लिए आई बसों को ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जा रहा है। निगम प्रशासन भी इस बात को मान रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों की खस्ताहाल सड़कों के कारण ही बसों की स्थिति बिगड़ी है।

नियमित चेक होती हैं बसें

लाल बसों को ग्रामीण क्षेत्रों में भी चलाया जा रहा है जबकि इनका डिजाइन व क्षमता केवल शहरों तक ही सीमित है। ग्रामीण क्षेत्रों की खस्ताहाल सड़कों में चलाने के कारण इन बसों की स्थिति बिगड़ी है। कलपुर्जो की कमी नहीं है। बसों को नियमित तौर पर चेक किया जाता है।

देवासेन नेगी, आरएम, एचआरटीसी, शिमला लोकल डिपो


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