आधे हिमाचल में बंदर वर्मिन
राज्य ब्यूरो, शिमला : वन्य प्राणी विंग ने लगभग आधे हिमाचल में बंदरों को वर्मिन घोषित कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : वन्य प्राणी विंग ने लगभग आधे हिमाचल में बंदरों को वर्मिन घोषित कर दिया है। सरकार ने प्रदेश की 85 में से 39 तहसीलों के लोगों को बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए इन्हें मारने की अनुमति मांगी है। प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा है। इन तहसीलों में बंदरों को तभी मारा जा सकता है जब केंद्र इन्हें वर्मिन घोषित करने पर मुहर लगाता है और मंजूरी प्रदान करता है।
शिमला नगर निगम क्षेत्र में बंदरों को वर्मिन घोषित किए करीब दो माह होने को हैं, लेकिन अभी तक इन खूंखार बंदरों को मारने वाला कोई नहीं है। इसके बावजूद 39 पंचायतों के लिए प्रस्ताव को तैयार किया गया है। इसकी सूची केंद्रीय वन मंत्रालय को भेज दी गई है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 की धारा-62 के तहत बंदरों को मारने की अधिसूचना केंद्र सरकार देती है, जिससे बंदरों को भी शेड्यूल-5 में लाया जाएगा।
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बंदरों की संख्या और घटनाओं के आधार पर चयन
वन्य प्राणी विंग ने एक वर्ष का डाटा एकत्र किया है। बंदरों की संख्या और घटनाओं के आधार पर हुए सर्वे के मुताबिक ही प्रदेश की 39 तहसीलों में हॉट स्पॉट चिह्नित किया गया है। इन क्षेत्रों में बंदरों से लोगों की जान व फसलों को खतरा उत्पन्न हो रहा है।
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किन तहसीलों का हुआ चयन
प्रदेश की जिन 39 तहसीलों में बंदरों का ज्यादा आतंक है उनमें जिला शिमला में शिमला ग्रामीण, शिमला शहरी, रामपुर व नेरवा, जिला सिरमौर में पच्छाद, राजगढ़, रेणुका, शिलाई व कमराऊ, जिला बिलासपुर में घुमारवीं, नैनादेवी, बिलासपुर व नम्होल, जिला सोलन में नालागढ़, कसौली, सोलन, दाढ़लाघाट, जिला चंबा में डलहौजी, भटियात, सिंहुता व चंबा, कागड़ा जिला में नूरपुर, इदौरा, फतेहपुर, जवाली, पालमपुर, बडोह व कागड़ा, जिला ऊना में भरवाई, अम्ब, ऊना, बंगाणा व हरोली, जिला मंडी में सुंदरनगर तथा जिला कुल्लू में मनाली, कुल्लू व सैंज, जिला हमीरपुर में बड़सर व बिझड़ी तहसील शामिल हैं।
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प्रदेश की 39 तहसीलों में बंदरों को वर्मिन घोषित करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है। इनका चयन एकत्रित किए गए डॉटा के आधार पर किया गया है।
-एसएस नेगी, पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ।