राजधानी में बसों में यात्रियों से लूट
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी में बसों में यात्रियों से निर्धारित किराये से अधिक वसूली की जा रही
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी में बसों में यात्रियों से निर्धारित किराये से अधिक वसूली की जा रही है। यात्रियों से लूट का यह सिलसिला निजी ही नहीं हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में बदस्तूर जारी है। बसों में सफर करने वाली यात्रियों की जेब पर सरेआम कैंची चलाई जा रही है। हर यात्री से दो से लेकर पांच रुपये तक की अधिक वसूली की जा रही है। परिचालकों द्वारा की जा रही इस अधिक वसूली से हर दिन हजारों रुपये का चूना लोगों को लगाया जा रहा है। यात्रियों द्वारा शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कुछ परिचालक तो अधिक वसूली की यात्रियों द्वारा शिकायत करने पर पैसे वापस कर देते है, लेकिन बहुत से लोग चुपचाप इतने ही रुपये दे रहे हैं। लोग जब इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो परिचालक उन्हें धमकाने से भी बाज नहीं आते।
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तीन किलोमीटर के वसूले जा रहे पांच से छह रुपये
संजौली से लक्कड़ बाजार बस अड्डे की दूरी मात्र तीन किलोमीटर से भी कम है। जब से पुल और टनल से बसों की आवाजाही शुरू हुई है तब से यह दूरी तीन किलोमीटर से भी कम हो गई है। सरकार ने तीन किलोमीटर तक की दूरी का न्यूनतम किराया तीन रुपये निर्धारित किया है, जबकि लक्कड़-बाजार बस अड्डे से संजौली और संजौली से लक्कड़ बाजार बस अड्डे के पांच और पांच रुपये वूसले जा रहे है यानी बसों में दो से तीन रुपये प्रति सवारी अधिक वसूली की जा रही है। हर दिन हजारों रुपये का चूना लोकल बसों द्वारा लगाया जा रहा है।
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अधिक किराये के बाद भी टिकट नहीं
राजधानी में बसों में यह हाल हैं कि अधिक किराया देने के बाद भी यात्रियों को टिकट नहीं दिए जा रहे है। इस संबंध में पुलिस और पथ परिवहन निगम को भी शिकायत की जा रही है। इसके बाद भी टिकटें नहीं दी जा रही हैं और इसे देखने वाला कोई भी नहीं है।
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क्या हैं किराये की दरे
प्रदेश में पहले तीन किलोमीटर के लिए न्यूनतम तीन रुपये, इसके बाद प्रति किलोमीटर 1.45 रुपये किराया निर्धारित है। ये दरें पहाड़ी क्षेत्रों के लिए हैं, जबकि मैदानी क्षेत्रों के लिए प्रति किलोमीटर 90 पैसे निर्धारित किया गया है।
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बकाया भी परिचालकों की जेब में
बसों में सफर करने वाले यात्रियों द्वारा किराया देने पर बकाया भी कंडक्टर हड़प कर जाते हैं। निजी बसों में छुट्टे रुपये न होने पर कंडक्टर आखें दिखाते हैं और कई बार तो खूब खरी-खरी सुनाते हैं। बकाया मागने पर सीधेतौर पर छुट्टे लाने की बात कहकर रौब झाड़ते हैं। बकाया कई बार तीन-चार रुपये तक हड़प कर जाते हैं। बकाया मागने पर परिचालक छुट्टे न देने पर बस से नीचे उतारने की धमकी देते हैं।
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लोकल बसों में किराया सूची के न लगने के पीछे गोलमाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोकल रूटों पर चलने वाली बसों में किराये और टाइम टेबल का न लगना कई सवा खड़े करता है। यदि निर्धारित किराये की दरे बसों में लगी रहेंगी तो ज्यादा वसूली नहीं हो सकेगी।
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बसों में अधिक किराया वसूले जाने को लेकर लगातार शिकायतें एसएमएम नंबर 94596100100 पर आ रही हैं। इन शिकायतों को पथ परिवहन निगम को भेजा जा रहा है। इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है।
-डी डब्ल्यू नेगी, पुलिस अधीक्षक शिमला।
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किराया अधिक वसूले जाने के संबंध में कार्रवाई की जाएगी। जो भी ऐसा कर रहा है उनका 2000 रुपये तक का चालान किया जाएगा।
-प्रशात देशटा, आरटीओ शिमला।