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परवाणू-शिमला के बीच एशिया का सबसे बड़ा हिंडोला

प्रकाश भारद्वाज, शिमला अभी देशी-विदेशी पर्यटक टॉय ट्रेन में सफर का आनंद लेते हुए शिमला पहुंचते हैं

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 01:00 AM (IST)
परवाणू-शिमला के बीच एशिया का सबसे बड़ा हिंडोला

प्रकाश भारद्वाज, शिमला

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अभी देशी-विदेशी पर्यटक टॉय ट्रेन में सफर का आनंद लेते हुए शिमला पहुंचते हैं। कुदरत के हसीन नजारों को निहारते हुए सफर कब पूरा हो जाता है पता नहीं चलता। लेकिन अब परवाणू से पर्यटकों का हवाई सफर शुरू होगा और शिमला में खत्म होगा। दो घंटे के सफर में पर्यटन पहाड़ों को निहारते हुए शिमला पहुंचेंगे। यहां पर अकसर बादल जमीं पर रहते हैं और ऐसा नजारा और कहीं पर देखने को संभव नहीं होता। सरकार एशिया में पहला हिंडोला प्रोजेक्ट स्थापित करने जा रही है। करीब 300 करोड़ का यह परवाणू से स्थापित होगा और 90 किलोमीटर के लंबे सफर में छह स्थानों से पर्यटक अंग्रेजों के बसाए शहर शिमला में कदम रखेंगे। इसे बनाने का खर्च भी केंद्र ही वहन करेगा। केंद्र सरकार ने प्रदेश को खुला न्योता दिया है कि यथाशीघ्र प्रस्ताव बनाकर केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय को भेजे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और परिवहन मंत्री जीएस बाली के बीच में शुक्रवार को इस संबंध में चर्चा हो चुकी है। अब केवल प्रदेश सरकार को ड्राफ्ट प्रपोजल तैयार करनी होगी।

25 लोग एक साथ सफर कर सकेंगे

हिंडोला में 25 लोग एक साथ सफर कर सकेंगे। परवाणू से हिंडोला सीधे कसौली पहुंचेगा। कसौली से बड़ोग और फिर कंडाघाट होते हुए तारादेवी और शिमला पहुंचेगा। सभी स्थानों के साथ पर्यटन का गहरा संबंध है। कंडाघाट में चायल जाने वाले पर्यटक उतर सकते हैं। इसी तरह से सभी पर्यटन स्थलों से पर्यटकों की सुविधा के लिए विशेष ध्यान रखा गया है। मल्टीप्लेक्स बनाए जाएंगे, होटलों में बेहतर सुविधाएं, पार्क और मनोरंजन स्थल निर्मित होंगे।

गुडगांव से मानेसर में हिंडोला

हाल ही में गुडगांव से मानेसर के बीच में 25 किलोमीटर का हिंडोला सिस्टम शुरू हो चुका है। इस परियोजना की सफलता को देख केंद्र सरकार दूसरे राज्यों में यातायात पर वाहनों के बढ़ते बोझ को खत्म करने के लिए परिवहन के नए विकल्प देने को तैयार है।

10 हजार पर्यटक रोज आते हैं

कालका-शिमला एनएच पर रोजाना पांच से दस हजार पर्यटक शिमला पहुंचते हैं। पर्यटन सीजन के दौरान यह संख्या 25 हजार तक पहुंच जाती है। एनएच पर वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण आम तौर पर जाम की समस्या रहती है। हिंडोला लगने के बाद यह समस्या कुछ हद तक कम हो जाएगी।

मैंने केंद्र सरकार से इस संबंध में चर्चा की है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री गडकरी प्रदेश को प्रोजेक्ट देने के लिए तैयार हैं। इस परियोजना के आने से हिमाचल दुनिया में अलग पहचान के साथ खड़ा हो जाएगा। हिंडोला प्रोजेक्ट लगने के बाद सड़क पर यातायात जाम की समस्या से भी काफी हद तक छुटकारा मिल जाएगा। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इससे बेहतर कोई दूसरा प्रोजेक्ट नहीं हो सकता है।

- जीएस बाली, परिवहन मंत्री।


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