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रोनित के गाने को यू ट्यूब पर मिले 96 हजार लाइक

कुलभूषण, शिमला शिमला के जुब्बल का रहने वाला रोनित विंटा आज प्रदेश ही नहीं देश में भी अपना नाम रोशन

By Edited By: Published: Thu, 14 Apr 2016 08:47 PM (IST)Updated: Thu, 14 Apr 2016 08:47 PM (IST)
रोनित के गाने को यू ट्यूब  पर मिले 96 हजार लाइक

कुलभूषण, शिमला

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शिमला के जुब्बल का रहने वाला रोनित विंटा आज प्रदेश ही नहीं देश में भी अपना नाम रोशन कर चुका है। रोनित एक गायक है और खुद ही अपने गाने लिखता और कंपोज करता है। रोनित के पिता सुशील विंटा के अपने फार्म हैं और माता आशा गृहणी हैं। रोनित की पढ़ाई डीएवी न्यू शिमला से हुई है। इसके बाद अभी रॉक स्कूल दिल्ली में वेस्टर्न सिखने जा रहा है। रोनित संजौली के थिरका अकादमी से क्लासिकल सीख रहा है। पहले ¨हदी गाने का शौक था, पर अब वेस्टर्न की तरफ अधिक है, जब सेकेंडरी में पढ़ता था तो तब सबसे अधिक गाने गाए हैं। अब एमटीवी इंडिज में उनका चयन हो चुका है और दिल्ली जाकर संगीत सीखना चाहते हैं। रोनित ने बताया कि जब मैंने पहला गाना माहिया वर्ष 2014 में निकाला था, तो उसे मैंने यू ट्यूब पर डाला तो सोचा था कि इसे छह हजार लाइक मिलेंगे लेकिन इसे 96 हजार लोगों ने पसंद किया है और साथ ही कोर एफ एक्स में एक लाख से अधिक लाइक मिले हैं। उसके बाद पिछले वर्ष इतना न करो प्यार गाना निकाला था। इसमें भी मुझे मेरे प्रशंसकों का पूरा प्यार मिला। इसमें 76 हजार लाइक हो गए हैं। मेरे देश में ही नहीं आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी प्रशंसक हैं।

भाई अरूण ने सिखाया गिटार

रोनित ने बताया कि जब मैं छठी कक्षा में था, तब से ही गिटार बजाता था। बड़ा भाई गिटार बजाता था तो मुझे भी गिटार बजाने का शौक चढ़ा और भाई ने गिटार सिखाया। स्कूल के हर कार्यक्रम में हिस्सा लेता था। इसलिए बचपन से ही था कि खुद गाना गाना है और अपने आप ही गाना लिखना है इसी को अपना शौक बना लिया।

परिवार, दोस्तों व अध्यापक का मिला सहयोग

पहले घर वाले इतना सहयोग नहीं करते थे, पर पापा ने मेरा सहयोग दिया। आज मेरे घर वाले भी खुश हैं क्योंकि मैंने ये कर दिखाया कि हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। मेरे दोस्तों व अध्यापकों ने मेरी बहुत मदद की। मेरे पास एलबम निकालने के लिए इतने पैसे नहीं थे, तब मेरे दोस्तों व अध्यापकों ने मेरी सहायता की। दोस्त शैलव और मेरे संगीत के अध्यापक अमित कुमार ने मेरे संगीत को सुना तो मुझे कहा कि इस गाने के लिए मैं तुम्हारी सहायता करुंगा।

दि लोकल ट्रेन बैंड को मानते हैं आदर्श

रोनित ने कहा कि दी लोकल ट्रेन बैंड के गाने सुन कर ही मेरा मन भी गाना गाने को हुआ। आज मैंने अपना बैंड बना लिया है। इसका नाम नेम स्लिप है। इसमें रोनित के साथ प्रवीण कैथ, तनिश्क पांटा व अंकित हैं।

म्यूजिक कंपनी से आ चुका है ऑफर

मुंबई की म्यूजिक कंपनी ने माहिया गाने को खरीदने के लिए 60 लाख रुपये का ऑफर दिया था, लेकिन मैने अपना गाना नहीं बेचा, क्योंकि मुझे पैसा नहीं फेम कमाना है।

शिमला में अकादमी खोलना है सपना

रोनित ने कहा कि शिमला में अकादमी खोलना चाहता हूं, जहां हर बच्चा संगीत सीखे। आजकल नौजवानों में संगीत सीखने की अधिक ललक है। इससे पहले संजौली में अकादमी में बच्चों को संगीत सिखा चुका हूं।


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