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बाड़े में बंद किए जाएंगे बंदर

राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्य सरकार बंदरों को बाड़े में बंद करने का सपना फिर संजोने लगी है। अब तक कई बा

By Edited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 01:00 AM (IST)
बाड़े में बंद किए जाएंगे बंदर

राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्य सरकार बंदरों को बाड़े में बंद करने का सपना फिर संजोने लगी है। अब तक कई बार फेल हुए ऐसे प्रयासों के बाद ऐसा जोखिम इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि बंदरों से आहत किसानों व बागवानों को सरकार नाराज नहीं होने देना चाहती है।

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प्रदेश सरकार ने भारत सरकार के वन मंत्रालय को स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेज दिया है कि बंदरों को वन वाटिका (बाड़े) में बंद करना चाहते हैं। केवल वही बंदर वन वाटिका में रखे जाएंगे जिनकी नसबंदी की गई होगी। इसके पीछे तर्क यह है कि नसबंदी के ऑपरेशन के बाद बंदरों के झुंड में सरदारी बदल चुकी होती है और झुंड उन्हें नहीं स्वीकारते। जब इस तरह के ऑपरेशन के लिए बंदरों को नए सिरे से पकड़ा जाता है तो वे अलग न रखने के कारण फिर पकड़े जाते हैं। वहीं, बजट प्रावधान के अलावा पशु प्रेमियों के आक्रोश से बचने के लिए ऐसी मंजूरी के लिए राज्य सरकार ने पहल की है। वन विभाग के अधिकारियों के गले की फांस बंध्यीकरण बंदर इसलिए भी बनने लगे हैं क्योंकि प्रदेश में किसानों व बागवानों के हितों की रक्षा की लड़ाई लड़ने वाले गैर सरकारी संगठन चाहते हैं कि सरकार इस समस्या का निपटारा करे। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से बॉयोलोजिकल परीक्षण के लिए बंदरों को बाहर भेजे जाने पर से प्रतिबंध हटाने की गुहार लगाई थी। इन पर परीक्षण करने वाली संस्थाएं और कंपनियां चाहती हैं कि बंदर पूरी तरह से स्वस्थ हों। हरे भरे जंगलों में पले बढ़े और शुद्ध हवा में रहने वाले बंदर ही परीक्षण के लिए चाहिए होते हैं। इस मामले में सरकार के हाथ खड़े हैं कि ऐसा प्रदेश में संभव नहीं हैं। जो बंदर जंगलों में हैं, वे तो यहां सिरदर्दी नहीं हैं तो उन बंदरों को क्यों दिया जाए? उत्पात तो शहरों में बंदरों ने मचाया है और दूसरे बंध्यीकृत बंदर कहां किस क्षेत्र में हैं, ऐसी छंटनी भी नहीं है। इससे पहले सरकार ने तारादेवी, जाखू में भी वन वाटिका में बंदरों को बंद करने के प्रस्ताव तैयार किए मगर ऐसे प्रयास रंग नहीं लाए। अब यह तरीका भी अपनाया जा रहा है कि 'हेबिटेट इनरिचमेंट प्लांटेशन' वन विभाग का वन्य प्राणी विंग करेगा ताकि बंदरों को वहां खाना मिले। चार स्थानों पर वन्य प्राणी विंग इसे तैयार करना चाह रहा है। वर्ष 2016-17 के बजट में भी इस योजना को लाया जाएगा।

यह भेजा प्रस्ताव

राज्य वन्य प्राणी विंग के विशेषज्ञों का कहना है कि टूटीकंडी शिमला में 1.2 हेक्टेयर में वन वाटिका सरकार बनाना चाहती है। इसमें पहले चरण में नसबंदी वाले 500 बंदरों को रखा जाना है। वन वाटिका में खुले में घूमने और खाने-पीने की सारी व्यवस्था होगी और चारदीवारी ऊंचे बाड़े से घेरी जाएगी। राज्य प्रमुख मुख्य अरण्यपाल विंग एसएस नेगी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा पहला प्रयास है।


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