Move to Jagran APP

लोगों को बताई 1965 की जीत की वीरगाथाएं

संवाद सहयोगी, शिमला : ऐतिहासिक रिज मैदान पर सेना कमांड आरट्रेक द्वारा शौर्य प्रतीकों की भव्य प्रदर्श

By Edited By: Published: Fri, 09 Oct 2015 07:16 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2015 07:16 PM (IST)
लोगों को बताई 1965 की जीत की वीरगाथाएं

संवाद सहयोगी, शिमला : ऐतिहासिक रिज मैदान पर सेना कमांड आरट्रेक द्वारा शौर्य प्रतीकों की भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारंभ राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा किया गया। यह प्रदर्शनी 1965 में भारत की पाकिस्तान पर हुई शानदार जीत के उपलक्ष्य में लगाई गई है। प्रदर्शनी को कई वर्गो में रखा गया है। युद्ध से जुड़ी हुई घटनाओं की वीरगाथाओं को वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। युद्ध घटनाओं को जीवंत करने के लिए क्रमबद्ध रूप से 1965 के युद्ध विवरण को चित्रों द्वारा दिखाया गया है।

loksabha election banner

1965 युद्ध की वीर गाथाएं जिसमे फिलौर की लड़ाई, डोगराई वीरता, लाहौर की ओर कूच, ऑपरेशन ऑब्लेज, और बरकी पर कब्जा करने की वीरगाथाओं का भव्य प्रस्तुतीकरण किया गया है। जिन सैनिकों ने युद्ध में वीरता का प्रदर्शन किया था उनकी मूर्तियां भी यहां लगाई गई हैं। इनमें लेफ्टिनेंट कर्नल डेसमंड ई हेड, मेजर आसाराम त्यागी और सूबेदार अजीत सिंह प्रमुख है। इसके साथ ही जिन सैनिकों ने युद्ध में शौर्य का प्रदर्शन किया है और वीरता सम्मान जीते हैं उनका प्रदर्शन भी किया गया है, जिनमें परमवीर चक्र जीतने वाले कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद तथा महावीर चक्र जीतने वाले लुफ्टिनेंट कर्नल एएस वैद्य और लेफ्टिनेंट कर्नल रघुवीर सिंह की मूर्तियां रखी गई हैं।

युद्ध में प्रयुक्त हुए शस्त्र

प्रदर्शनी में 1965 के युद्ध में प्रयुक्त हथियारों का प्रदर्शन भी किया गया है। इनमें एम 4शरमन टैंक , पीटी 7 युद्धक टैंक और सेंचुरियन टैंकों का प्रदर्शन किया गया है, जिनका प्रयोग भारत की ओर से सैनिकों ने किया था। पाकिस्तान के टैंक एम-चफी का भी प्रदर्शन किया गया जो पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया गया था।

आधुनिक हथियार भी किए प्रदर्शित

भारतीय सेना के आधुनिक उपकरणों का प्रदर्शन भी यहां पर किया गया है। इन उपकरणों में फ्लेम लाउंसर मार्क-2 जिस द्वारा मिलन मिसाइलों को दागा जाता है। पहले इसका आयात रशिया से होता था, लेकिन अब यह भारत में भी बनाया जाता है। इसके अलावा ग्रेनेड फायर और राकेट लांचर का प्रदर्शन भी किया गया। राकेट लांचर को स्वीडन से आयात किया गया है। विभिन्न प्रकार की मशीनगन भी रखी गई हैं, जिनकी रैंज 500 से 1000 मीटर तक है। इसके अलावा 7.2 सीएमएसएमजी मशीनगन भी प्रदर्शित की गई जिनका प्रयोग सीमा पर सैनिकों द्वारा किया जाता है।

सैनिकों की वस्तुओं को भी किया गया प्रदर्शित

1965 युद्ध के सैनिकों की वस्तुओं का प्रदर्शन भी किया गया, जिससे जनता में सेना के शौर्य को बेहतर तरीके से बताया जा सके। इस प्रदर्शनी में कप, डायरी, कोट बटन, कॉमिक्स आदि अनेक वस्तुएं रखी गई हैं। इन वस्तुओं को लोग खरीद भी सकते हैं।

सेना में भर्ती के अवसर भी बताए

युवाओं में सेना के प्रति आकर्षण को बढ़ावा देने के लिए भर्तियों की जानकारी का भी स्टाल लगाया गया है, जिसमें सेना की रिक्तियों के अतिरिक्त सेना के विभागों में अवसरों की जानकारी भी उपलब्ध करवाई जा रही है। इलमें एनडीए, एसएससी , यूईएस, टीजीटी इंजीनियर, जेएजे, एनसीसी, आइएमए में प्रवेश तथा तकनीकी प्रवेश योजना की जानकारी भी प्रदान की जा रही है। युवा किस प्रकार सेना के विभिन्न पदों पर नियुक्ति पा सकते हैं।

हिमाचली व्यंजनों की बिखरी खुशबू

सेना के स्टालों में हिमाचली व्यंजनों के स्टाल लगाए गए थे। इनमें विभिन्न प्रकार के शाकाहारी व मांसाहारी भोजन थे। स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों भी खाने का लुत्फ उठाते दिखे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.