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दुकानदारी चमकाई, सड़क पर जमकर गंदगी फैलाई

जागरण संवाददाता, शिमला : शहर के लक्कड़ बाजार में चने-भटूरे की दुकान में हर रोज सैकड़ों लोग रोजाना आते

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 07:31 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2015 04:59 AM (IST)
दुकानदारी चमकाई, सड़क पर जमकर गंदगी फैलाई

जागरण संवाददाता, शिमला : शहर के लक्कड़ बाजार में चने-भटूरे की दुकान में हर रोज सैकड़ों लोग रोजाना आते हैं। दुकानदार नियमों को ताक पर रखते हुए स्वच्छ शहर पर दाग लगा रहा है। सुबह से लेकर दोपहर तक दुकान में चने-भटूरे की बिक्री की जाती है। दोपहर करीब तीन से चार बजे की बचे बर्तनों को धोने का काम शुरू होता है। लेकिन हैरानी की तो ये है कि ये बर्तन किसी रसाईघर में नहीं बल्कि बीच सड़क में धोए जाते हैं। एक डेढ़ घंटे तक दुकान के मजदूर बर्तन साफ करते रहते हैं। यहां पर पर्यटकों की काफी भीड़ भी होती है। ऐसे में पर्यटक भी स्वच्छ शहर का टैग को देखकर हैरान रह जाते हैं। सड़क में फैलाई जा रही गंदगी से जहां हर कोई परेशान है, वहीं निगम प्रशासन आंखें मूंद कर बैठा हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रशासन किसके इशारे पर कार्रवाई नहीं की जाती है। ऐसा हाल है शिमला शहर का। अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट ने निगम प्रशासन को आदेश दिए हैं, लेकिन निगम की ढीली कार्यप्रणाली के कारण आदेश लागू नहीं हो पा रहे है।

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अफसर से नेता सब आते हैं यहां

चने-भटूरे की स्वाद चखने के लिए आला अफसर, नेता और करीबी यहां पहुंचते हैं। दुकान मालिक के सबसे घनिष्ठ संबध हैं। कई साल से ऐसे ही सड़क किनारे गंदगी फैलाई जा रही है। वहीं प्रशासन के नुमाइदें चाह कर भी कोई कारवाई नहीं कर पाते हैं, अगर निगम के कर्मचारी कारवाई करने के लिए दुकान में पहुंचते है। तो इससे पहले ही आला अधिकारियों के फोन बज उठते हैं।

जगह पड़ जाती कम

हर रोज सुबह से लेकर शाम तक सैंकड़ों लोग दुकान में आते हैं, मगर दुकान में जगह न होने के कारण लोग बाहर ही खड़े होकर खाते हैं। इस वजह से राहगीरों का दिक्कतों पेश आती है। एक तरफ तो यह प्रतिबंधित मार्ग है। वहीं दूसरी तरफ दुकानदार ने आगे अतिक्रमण कर रखा है। सरेआम निगम प्रशासन के नियमों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। रिगल से लेकर लक्कड़ बाजार तक दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है।

नाले में फेंकी जा रही गंदगी

लक्कड़ बाजार की सारी गंदगी खुले नाले में फैंकी जाती है। आसपास के दुकानदार सरेआम कूड़ाकर्कट नाले में फेंकते है। इसका अंदाजा यहां देखने से लगाया जा सकता है। साथ ही नाले की गंदगी को लेकर दुकानदार कभी नगर निगम को कोई शिकायत भी नहीं करते है। नियमों के मुताबिक कूड़ा खुले में फेंकना गलत है। उल्लघंन करने पर जुर्माना किया जाता है, मगर यहां पर इस नियम को लागू ही नहीं किया जाता है। खाने का ढाबा इसी गंदगी के साथ चल रहा है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरे का सबब बन सकती है।

टांकियों के लिए विशेष जगह

यू तो नियमों के मुताबिक दुकानों की उपरी छत पर पानी टंकी रखने का प्रावधान है, लेकिन लक्कड़बाजार में एक दुकान के लिए नियमों को ताक पर रखा गया है। यहां साथ लगती भूमि पर तीन पानी की टंकियां रखी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार यह जमीन सरकार बताई जा रही है। ऐसे में अवैध कब्जे का मामला बनता है, मगर नगर निगम ने कोई भी कारवाई नहीं है।

'मेरे ध्यान में मामला नहीं है। मैं मौके पर जाकर निरीक्षण करूंगा। अगर पाया गया तो तुरंत चालान काटा जाएगा।'

-सोनम नेगी, स्वास्थ्य अधिकारी।


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