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सड़क निर्माण में उपेक्षा पर गरमाया सदन

राज्य ब्यूरो, शिमला : विधानसभा में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) का मुद्दा गरमाया।

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 08:45 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 08:45 PM (IST)
सड़क निर्माण में उपेक्षा पर गरमाया सदन

राज्य ब्यूरो, शिमला : विधानसभा में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) का मुद्दा गरमाया। विपक्ष का तर्क था कि उनके क्षेत्रों को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। सड़कों के सवाल पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा, डॉ. राजीव बिंदल व रविंद्र सिंह रवि ने नाराजगी जाहिर की। सभी सदस्यों का कहना था कि उनके हलकों को सड़क निर्माण के मामले में तरजीह नहीं दी जा रही है। सरकार की ओर से दिए गए जवाब से भाजपा विधायक संतुष्ट नहीं थे और मुख्यमंत्री से इस मामले में अपेक्षा अनुरूप जवाब चाहते थे। सड़कों के सवाल के अतिरिक्त गरीब लोगों को घर बनाने के लिए पैसा नहीं मिल रहा है। ऊना जिला में एक अधिकारी की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक रणधीर शर्मा का कहना था कि श्री नैना देवी क्षेत्र में सात सड़कें बनकर तैयार हैं, लेकिन इनको पास नहीं किया जा रहा है। जिसका नतीजा यह है कि इन सड़कों पर बसें नहीं चलने के कारण लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है। उद्घाटन के मामले में क्यों उलझाया जा रहा है।

इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने साफ किया कि प्रदेश सरकार ने किसी को उद्घाटन करने से नहीं रोक रखा है, जहां तक सड़कें पास नहीं हो रही हैं तो कोई भी सड़क नियमों के तहत ही पास होती है। दो साल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश के लिए 241 सड़कें मंजूर हुई हैं। इसके लिए केंद्र सरकार से 532 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। इसमें किसी प्रकार का कोई संशय नहीं है कि ये सड़कें 250 से 500 की आबादी के गावों को रखा गया है जो क्षेत्र छूट गए हैं उन्हें भी आने वाले समय में इस योजना में शामिल किया जाएगा। बिलासपुर जिला में इस योजना के तहत 92.47 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। जिला में कुल 491 सड़कें पीएमजीएसवाई में प्रस्तावित थीं, जिसमें से 387 सड़कें बनाई गई हैं और 104 सड़कों के निर्माण का काम चला हुआ है।

रेललाइन पर पुल की डीपीआर नहीं बन रही

कांग्रेस के एसोसिएट विधायक पवन काजल ने कांगड़ा रेललाइन पर प्रस्तावित ओवर ब्रिज का मामला उठाया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुल का काम शीघ्र किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने अपना हिस्सा रेलवे को दे दिया है, अब काम रेलवे को शुरू करना है। काजल का कहना था कि ब्रिज नहीं बनने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पांच जिलों में गेहूं पीला रतुआ की चपेट में

रविंद्र सिंह रवि का कहना था कि प्रदेश में गेहूं की फसल को पीला रतुआ रोग लगा है। इस कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। जवाब में कृषि मंत्री सुजान सिंह पठानिया ने अवगत करवाया कि बेमौसमी भारी बारिश होने के कारण प्रदेश के पाच जिला में करीब 29 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल को पीला रतुआ रोग लगा। इसका उपचार किया गया और किसानों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ। एहतिहात के तौर पर किसानों को जागरूक कर दिया था जिसके चलते नुकसान से बचा जा सका है। राज्य के बिलासपुर, हमीरपुर, कागड़ा, मंडी और ऊना में गेहूं को पीला रतुआ रोग लगा था। इसके लिए कमेठी का गठन किया गया है, ताकि समय पर लोगों को दवाओं के छिड़काव के लिए जागरूक किया जा सके।

कृषि मित्रों का क्या हुआ

भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर ने पूछा कि कृषक मित्र योजना का क्या हुआ। इसका जवाब देते हुए सुजान सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार के समय में ये योजना शुरू की गई थी। इस योजना को कृषक मित्र योजना को एक गतिविधि के रूप में शामिल किया गया था। इसमें वेतन या मानदेय का कोई प्रावधान नहीं है। कुछ विशेषज्ञों को किसानों को सिखाने के लिए कृषक मित्र के रूप में रखा गया और वर्तमान में ये लोग अदालत में गए हैं। 79 याचिकाएं अदालत में विचाराधीन हैं।

स्थानांतरित होते ही डलहौजी में शुरू होगा बस अड्डा निर्माण

कांग्रेस विधायक आशा कुमारी की ओर से पूछे गए सवाल पर परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि जमीन स्थानांतरित होते ही बस अड्डा निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। पहले नगर परिषद व उसके बाद शहरी विकास विभाग की ओर से जमीन मिलते ही बस अडडा निर्माण प्राथमिकता पर शुरू किया जाएगा। जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत डलहौजी से 25 बसें चलाई जानी हैं, वहीं नई वोल्वो बसों को भी शुरू किया जाएगा।

जरूर पढ़ाएंगे उर्दू-पंजाबी

भाजपा विधायक सुरेश कुमार कश्यप ने 100-100 उर्दू व पंजाबी के शिक्षक रखने का मामला उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी उर्दू के 34 व पंजाबी के 72 शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा शेष शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी जाएगी। आशा कुमारी का कहना था कि डलहौजी पंजाबियों का शहर है। इसलिए यहां के स्कूलों में पंजाबी शिक्षकों की नियुक्ति दी जाए।

एमआइएस क्यों नहीं बनाई

भाजपा विधायक जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने एमआइएस नहीं बनाई, जिसके चलते मनरेगा के बजट में कटौती हुई। इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार नहीं है। इस सवाल का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि मनरेगा के तहत पिछले वित्त वर्ष में 390.40 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए। इसके लिए 907.20 करोड़ रुपये का लेबर बजट केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा गया था। केंद्र सरकार ने वर्ष 2014-15 में 276.80 लाख कार्य दिवस अर्जित करने के लिए 355.43 करोड़ रूपये लेबर बजट रखा गया था।

योजना आयोग में किए गए बदलाव को देखते हुए और नीति आयोग की अनिश्चित्ता के चलते इस चालू वित वर्ष में अब तक 243 लोगों को रोजगार की पेशकश की गई है। इस योजना के तहत 30 मार्च तक 28 हजार 881 मस्टरोल का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि 402.68 करोड रूपए की राशि 30.3.2015 तक खर्च की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सिराज ब्लाक में मनरेगा के तहत सबसे अधिक 23 करोड रूपए की धनराशि खर्च की गई है। 1 लाख 4 हजार 575 जॉब कॉर्ड जारी किए जा चुके हैं।

बिजली कैसे आएगी

कांग्रेस के एसोसिएट विधायक मनोहर धीमान का कहना है कि इंदौरा के तहत आने वाले क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की स्थिति कैसे सुधर सकती है। यहां पर कितने ट्रांसफर लगाए जाएंगे। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गंगथ में बिजली आपूर्ति के लिए 84, इंदौरा में 247, डमटाल में 260 और रे में 155 टासफार्मर स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा यहा पर गंगथ में 14, इंदौरा में 38, डमटाल में 24 तथा र में 23 ट्रांसफार्मर लगाए जाने प्रस्तावित हैं।


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