कारपोरेट जगत के लिए है केंद्रीय बजट : वीरभद्र सिंह
राज्य ब्यूरो, शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय बजट में आम आदमी का ध्यान नहीं र
राज्य ब्यूरो, शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय बजट में आम आदमी का ध्यान नहीं रखा गया। मोदी सरकार का बजट कारपोरेट घरानों के लिए है। कारपोरेट सेक्टर को आठ हजार करोड़ रुपये के लाभ दिए गए हैं। गरीबों को 22 हजार करोड़ का कर चुकाना पडे़गा। बजट पूरी तरह से निराशाजनक व हताश करने वाला है। केंद्र सरकार का केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में बड़ी कटौती करने का प्रस्ताव है। बजट के दस्तावेजों के पूर्ण रूप से सामने आने पर हिमाचल प्रदेश पर इसके वास्तविक प्रभाव का पता चल पाएगा।
वीरभद्र सिंह ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की घोषणा और मनरेगा में बजटीय प्रावधान पूर्ववत रखने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सेवा कर 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने से रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम बढे़ंगे, जिससे सीधेतौर पर आम जनता प्रभावित होगी। शिक्षा उप कर में वृद्धि से लोगों की जेब पर बोझ पड़ेगा। आयकर दाता आयकर स्लैब में बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन बजट में इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे मध्यम वर्ग एवं वेतनभोगियों की बचत में कमी आएगी और पारिवारिक वित्तीय बचत प्रभावित होगी। बजट न तो लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप है और न ही विकासोन्मुखी है। बजट खोखले वादों से भरा है और 'प्रत्येक के लिए घर' का वादा दूर की कौड़ी है। कुछ कर योग्य सेवाओं पर दो प्रतिशत का स्वच्छ भारत उपकर लगाने की बजाय बेहतर होता कि इस के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान की कार्य योजना बनाई जाती। बेहतर होता हिमाचल प्रदेश की ताबो मोनेस्ट्री या किसी दूसरे प्राचीन स्मारक को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया जाता अथवा मौजूदा पुरातात्विक स्थलों के सुधार के लिए धनराशि का प्रावधान किया जाता। वीरभद्र सिंह ने कहा कि बजट में हिमाचल के लिए पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कोई उल्लेख नहीं है।