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शीघ्र तैयार होगा हिमाचल का पहला प्री फेब्रीकेटिड भवन

जागरण संवाददाता, सुन्नी : हिमाचल में प्री फेब्रीकेटिड तकनीक से तैयार किया जा रहा पहला अस्पताल अब जल्

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 05:39 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 01:46 AM (IST)
शीघ्र तैयार होगा हिमाचल का पहला प्री फेब्रीकेटिड भवन

जागरण संवाददाता, सुन्नी : हिमाचल में प्री फेब्रीकेटिड तकनीक से तैयार किया जा रहा पहला अस्पताल अब जल्द ही जनता को समर्पित होने जा रहा है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र शिमला ग्रामीण के तहत पड़ने वाले सुन्नी में यह भवन पॉयलट प्रोजेक्ट के आधार पर तैयार किया जा रहा है। सरकार का यह प्रयोग सफल रहता है तो भविष्य में इस तरह की तकनीक को प्रदेश के अन्य जिलों में भी अपनाया जाएगा। जो वजन में हल्के होने के कारण भूकंपरोधी होने के साथ गर्मी प्रतिरोधी क्षमता वाले होंगे। यह अस्पताल 5,57,55,630 रुपये की लागत से तैयार होगा।

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लोक निर्माण विभाग के मुताबिक अगर यही भवन आम तकनीक से तैयार किया जाता तो इस पर लागत और बढ़ सकती थी। प्री फेब्रीकेटिड निर्माण सस्ता पड़ने के साथ इस तकनीक से भवन जल्द बनकर तैयार हो जाते हैं। हिमाचल में अभी एक भी भवन प्री फ्रेब्रीकेटिड तकनीक से नहीं बनाया गया है। अभी तक इस तकनीक को प्रयोग पंजाब, चंडीगढ़, देहरादून व मोहाली में किया गया है। इन शहरों में यह तकनीक सफल रही है। इसी को देखते हुए प्रदेश के गर्म क्षेत्र में इस तकनीक को अपनाए जाने की योजना है। इसके लिए सुन्नी अस्पताल को पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया है।

नट बोल्ट से तैयार कॉलम व बीम

प्री फेब्रीकेटिड तकनीक से तैयार होने वाले भवन में कॉलम व बीम नट बोल्ड की सहायता से जोड़े जाते हैं। इसके अलावा दीवारों में ईट का प्रयोग करने की जगह ईपीएस पैनल का प्रयोग किया जाता है। इसमें पहले थर्मोकॉल से दीवार खड़ी की जाती है। इसके बाद पंप की सहायता से शॉर्ट क्रिटिंग की जाती है। इसी तरह से छत में पफ पैनल का प्रयोग में लाया जाता है। इस तरह का निर्माण सस्ता होने के साथ हल्के वजन का भी होता है। ऐसे भवनों में आग लगने का खतरा भी न के बराबर रहता है।

लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र

प्री फेब्रीकेटिड तकनीक से तैयार होने वाला भवन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। अन्य क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग निर्माण को देखने पहुंच रहे हैं। स्टील फेब्रीकेशन के प्रोडक्शन मैनेजर कुलवंत सिंह का कहना है कि प्रदेश में इस तरह का पहला निर्माण किया जा रहा है। इस तकनीक से समय की आधी बचत हो जाती है। उनका कहना है कि गर्म क्षेत्रों के लिए यह तकनीक काफी फायदेमंद है।

'पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत सुन्नी में प्री फेब्रीकेटिड तकनीक से यह पहला निर्माण किया जा रहा है। इस निर्माण पर पांच करोड़ से अधिक का खर्च किया जा रहा है। जल्द ही भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।'

-आरके श्रीधर, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग धामी डिवीजन।


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