रोशन हुई शिपकिला की दीवाली
प्रविंद्र नेगी, किन्नौर खून जमा देने वाली ठंड और इनसानी बस्ती से मीलों का फासला। दिनभर पहाड़ी सिलस
प्रविंद्र नेगी, किन्नौर
खून जमा देने वाली ठंड और इनसानी बस्ती से मीलों का फासला। दिनभर पहाड़ी सिलसिले की निहारती आंखें और शाम ढलने के बाद पहाड़ काटकर बनाए गए बंकर में कटती सर्द रातें। न बिजली न मनोरंजन का कोई जरिया। सालों से यही दिनचर्या है हिमाचल-तिब्बत सीमा पर देश की निगरानी करने वाले इंडियन तिब्बत पुलिस बल (आइटीबीपी) के जवानों की। लेकिन इस दीवाली काले पहाड़ों के उनके बंकर भी रोशन होंगे।
हिमाचल प्रदेश के सबसे ऊंची सीमा शिपकिला तक बिजली आपूर्ति पहुंचा दी गई है। 13,330 फुट ऊंचाई पर स्थापित हिंदुस्तान-तिब्बत सीमा भी अब रोशनी हो गई है। बिजली आपूर्ति का उद्घाटन मंगलवार देर शाम को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने किया। नमज्ञा डोगरी से शिपकिला तक बनी यह एचटी विद्युत लाइन लगभग 15 किलोमीटर लंबी है। इस लाइन को बिछाने पर 60 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसका खर्च सीमा क्षेत्र विकास परियोजना के तहत वहन हुआ है। शिपकिला बार्डर को विद्युत लाइन से जोड़ने से सीमा पर तैनात जवानों को रात के समय चौकसी करने में आसानी होगी। आजादी के बाद से इस सीमा पर जवान अंधेरे में ही रातें काट रहे थे। इस ऊंचे पठारी इलाके में चारों ओर ऊंचे पहाड़ों के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता। यह इलाका इनसानी आबादी से 40 किलोमीटर दूर है। कच्ची सड़कें और दूर-दूर तक हरियाली का भी कोई नामोनिशान नहीं है। इसके बावजूद आइटीबीपी के जवान मुस्तैदी से सीमा की चौकसी कर रहे हैं। यहां बिजली आपूर्ति पहुंचने से सुरक्षा कर्मियों को काफी राहत मिली है। उन्हें सर्द रातों में थोड़ी राहत की उम्मीद जगी है, वहीं इससे कई निगरानी यंत्र भी जुड़ेंगे।
नेगी ने कहा कि इस विद्युत लाइन में छुम्पन और शिपकिला में 25 केवी के दो ट्रासफार्मर लगाए गए हैं। उन्होंने ने सीमा पर तैनात जवानों को दीवाली की शुभकामनाएं और उपहार भी भेंट किए। इस मौके पर 17वीं बटालियन आइटीबीपी के एसीपी मिलीतपल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पूह व संबंधित पंचायतों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।