न जानकारी दी और न ही लिए पांच हजार रुपये
राज्य ब्यूरो, शिमला : नगर निगम शिमला के पार्षदों ने अपने वार्ड में बुनियादी सुविधाओं में कोई दिलचस्प
राज्य ब्यूरो, शिमला : नगर निगम शिमला के पार्षदों ने अपने वार्ड में बुनियादी सुविधाओं में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस वजह से सांख्यिकी विभाग ने सर्वे प्रोजेक्ट अपने हाथ में लेने का फैसला लिया। दीवाली के बाद विभाग के अधिकारी सर्वे करेंगे और दिसंबर तक रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी। छह माह पहले सांख्यिकी विभाग ने निगम प्रशासन के सामने प्रस्ताव रखा था कि प्रत्येक पार्षद वार्ड में सुविधाओं की जानकारी दें। इस प्रोजेक्ट पर न ही पार्षदों ने कोई दिलचस्पी दिखाई और न ही निगम प्रशासन ने। पार्षदों ने सर्वे के लिए पांच हजार रुपये भी ठुकरा दिए। केंद्र सरकार ने प्रदेश के तीन स्थानों के लिए प्रोजेक्ट मंजूर किया था। प्रोजेक्ट में नगर निगम शिमला, सोलन नगर परिषद व ऊना नगर परिषद शामिल थे।
क्या फायदा होना था
इस बात का पता चलना था कि इन स्थानों में आधारभूत सुविधाओं की स्थिति क्या है। किस तरह से सुविधाएं जुटाई जा सकती हैं। ऐसे क्या कारण हैं जो विकास में बाधा बन रहे हैं।
'ये पार्षदों को करना था। पार्षदों को इस बारे में अवगत भी करवाया गया, मगर किसी ने इस बारे में कोई रिस्पांस नहीं दिया।'
-अमरजीत सिंह, निगमायुक्त शिमला।
नगर निकायों में सर्वे के लिए पार्षद या वहां के प्रतिनिधि सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं, जिन्हें हर प्रकार की जानकारी होती है। लेकिन सहयोग नहीं मिलने के कारण अब इस सर्वे को स्वयं विभाग करेगा।
-प्रदीप चौहान, सलाहकार राज्य सांख्यिकी विभाग।