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पाच परिवारों की छह बीघा जमीन बही

By Edited By: Published: Wed, 30 Jul 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jul 2014 01:00 AM (IST)
पाच परिवारों की छह बीघा जमीन बही

राज्य ब्यूरो, शिमला : मशोबरा खंड की जनेड़घाट पंचायत के शलोट बागड़ा में रह रहे पाच परिवारों की लगभग छह बीघा ज़मीन सोमवार दोपहर हुई भारी बारिश से आई बाढ़ में बह गई। प्रभावित परिवारों में दो परिवार गरीबी रेखा से नीचे के थे। नौतोड़ में मिली ज़मीन में से तीन भाइयों के पास मात्र नौ बीघा ज़मीन थी जिसमें से अधिकतर बाढ़ में चली गई। प्रभावितों का कहना है कि अगर वे वक्त पर पानी की दिशा बदलने में कामयाब न होते तो घर और पशुओं को भी नुकसान हो सकता था।

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हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर के नेतृत्व में मौके पर पहुंची किसान सभा की टीम ने नुकसान का जायजा लेकर अनुमान लगाया है कि ज़मीन के अलावा इसमें किसानों की शिमला मिर्च, टमाटर, फ्र ंासबीन की फ सलों के अलावा सफेद गुलदाउदी फूल की लगभग 8000 जड़ें थी, जिनकी कीमत लाखों में बनती है। किसान सभा की टीम से बात करते हुए प्रभावित परिवारों के सदस्य जीतराम, मदन ठाकुर, प्रकाश ठाकुर, संतराम ठाकुर ने बताया कि गाव के ऊपर नाले में काफी समय से छलाडा-पीरन सड़क पर जनेड़घाट-छलाडा के बीच बन रहे एक निजी होटल का मलबा फेंका जा रहा था।

प्रभावित जीतराम का कहना है कि उसने कई बार होटल निर्माता से इस तरह के हादसे की शका जताते हुए मलबा न फेंकने की गुहार लगाई। इस बाबत पंचायत द्वारा बिल्डर को नोटिस भी दिया गया था, परंतु उसके बावजूद भी होटल निर्माता ने इस पर ध्यान नहीं दिया और मलबा फेंकना जारी रखा।

प्रभावित परिवार अभी भी सहमें हुए हैं क्योंकि अभी भी सैकड़ों ट्रक मलबा डंपिंग साइट पर पड़ा है जो कभी भी बारिश के साथ फिर से गाव में आकर तबाही मचा सकता है। किसान सभा अध्यक्ष ने कहा है कि यह व्यापारिक घरानों, बिल्डर्स, ठेकेदार और भ्रष्ट अफसरशाही के नापाक गठबंधन का नतीजा है जो इस तरह के हादसे पेश आते हैं। संबंधित विभागों की ओर से डंपिंग साइट निर्धारित नहीं की जाती और अगर की भी जाती है तो निर्माणकर्ताओं द्वारा इसका पालन न करके पैसा बचाने के लिए गैर कानूनी ढंग से निर्माण का मलबा हर कहीं फेंक दिया जाता है। डॉ. तंवर ने इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की माग करते हुए प्रभावित परिवारों के पुनरस्थापन की माग की है।


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