पांच साल में टॉप टेन में शामिल हो प्रदेश विवि : मुख्यमंत्री
राज्य ब्यूरो, शिमला : मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय 45 साल के शानदार सफर में छात्रों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी बनकर उभरा है। नतीजतन देश के 170 विश्वविद्यालयों में हिमाचल विवि को स्वतंत्र एजेंसी ने 22वें स्थान पर आंका है। शिक्षकों को प्रयास कर पांच साल में विश्वविद्यालय को टॉप टेन में पहुंचाना होगा। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 45वें स्थापना दिवस पर संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर राज्यपाल उर्मिला सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के विस्तार को ध्यान में रखते हुए घणाहट्टी के समीप करीब 232 बीघा भूमि चिह्नित की जा चुकी है। प्रदेश में और घराने निजी विश्वविद्यालय स्थापित करें तथा अपेक्षा है कि यह संस्थान युवाओं को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध करवाने के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक प्रचलन और प्रौद्योगिकी से अवगत करवाएंगे। आइआइटी, आइआइएम तथा एआइआइएमएस में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों को 75000 रुपये की एक मुश्त वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि वे अपनी शिक्षा को जारी रख सके। मंडी और ऊना में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दो नए क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किए जाएंगे। राज्य ने प्राथमिक शिक्षा स्तर पर शत-प्रतिशत प्रवेश का लक्ष्य हासिल किया है तथा विश्वविद्यालय एवं अन्य उच्च शिक्षण केंद्रों में 60 प्रतिशत से अधिक प्रवेश एवं पंजीकरण का लक्ष्य हासिल करने के प्रयास किए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान मुख्य संसदीय सचिव इंद्र दत्त लखनपाल, विधायक बंबर ठाकुर, कुलपति एडीएन बाजपेयी, प्रति कुलपति राजेंद्र सिंह चौहान, कुलसचिव प्रो. मोहन झारटा, प्रो. टीसी भल्ला, शिक्षक समुदाय उपस्थित रहे।
इन भवनों का हुआ उद्घाटन :
विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ने 1.22 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित दो मंजिला शैक्षणिक स्टाफ कालेज/अतिथि गृह का उद्घाटन किया। इस पर 75 लाख रुपये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) तथा 51.60 लाख रुपये शिक्षक कल्याण निधि द्वारा वहन किया गया है। उन्होंने 1.11 करोड़ रुपये की लागत से अनुसूचित जाति/जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्गो के विद्यार्थियों के लिए निर्मित प्री एक्ज़ामिनेशन कोचिंग सेंटर का लोकार्पण भी किया। सेंटर में 20 डबल बेडिड रूम का निर्माण किया गया है। राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने इस दौरान संयुक्त रूप से त्रैमासिक न्यूज़ लैटर 'हिमशिखर' तथा रिसर्च जनरल एवं पुस्तकों का विमोचन भी किया। डाक विभाग के हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पर स्पेशल कवर को भी जारी किया।
ग्रांट बढ़ाने का दे गए आश्वासन :
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए सरकार की ओर से मिलने वाली ग्रांट में वृद्धि करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि वह विश्वविद्यालय की समस्याओं से भली-भाति परिचित हैं तथा विश्वविद्यालय की सभी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा तथा विश्वविद्यालय को उसका पूरा हिस्सा दिया जाएगा।
नवाजे गए बेस्ट टीचर :
विवि स्थापना दिवस पर बेस्ट टीचर अवार्ड से शिक्षकों को नवाजा गया है। उत्कृष्ट शिक्षक श्रेणी में भूगोल विभाग के प्रो. भूपेंद्र सिंह मढ़ व अंग्रेजी विभाग से प्रो. गिरिजा शर्मा को सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट शोधार्थी का प्रो. सर्वेच्छा चौहान व वहीं गैर-शिक्षण श्रेणी में हरबंस सिंह चौहान को सम्मानित किया गया। कंप्यूटर प्रोफेशनल डॉ. विकास शर्मा को मरणोपंरात पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी ने मंच पर भीगी आंखों से पति का सम्मान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त बीए, बीकॉम व बीएससी टॉपर को भी सम्मानित किया गया है। जिसमें नालागढ़ की आचल वर्मा, ऊना की छात्रा जसप्रीत कौर व आस्था बडालिया को पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया।
शिक्षा महत्वपूर्ण कारक : राज्यपाल
विश्वविद्यालय स्थापना दिवस की मुख्य अतिथि राज्यपाल उर्मिला सिंह ने कहा कि किसी भी समाज के उत्थान में शिक्षा महत्वपूर्ण कारक है। सही मायनों में शिक्षा का उद्देश्य तब पूरा होता है, जब व्यक्ति को सही अथरें में ज्ञान प्राप्त हो। विद्यार्थियों में देशभक्ति, अनुशासन और मानवीय गुणों का समावेश किया जाना चाहिए, ताकि वे संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बन सकें। विद्यार्थियों को शैक्षणिक संस्थानों में आदर्श माहौल उपलब्ध करवाया जाना चाहिए, ताकि उनके व्यक्तित्व का समुचित विकास होने के साथ-साथ उनकी छुपी हुई प्रतिभा को निखारा जा सके।
दूंगा असफलताओं की सूची :
कुलपति प्रो. एडीएन बाजपेयी ने कहा कि अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद वह असफलताओं की सूची विश्वविद्यालय को सौंप कर जाएंगे। इसके बाद जिन असफल कार्यो को विवि को सफल बनाना होगा।