चिकनगुनिया का इलाज अब होगा आसान, इस बीमारी से हर साल होती है 1.5 मिलियन मौत
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी में चिकनगुनिया वायरस प्रोटीन में डार्क क्षेत्र की पहचान कर ली है जो वायरस फैलाता है।
मंडी, जेएनएन। अब चिकनगुनिया बीमारी का इलाज आसान होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के विशेषज्ञ डॉ. रजनीश गिरी व उनकी टीम ने चिकनगुनिया वायरस प्रोटीन में उस डार्क क्षेत्र की पहचान कर ली है। जो वायरस को फैलने में मदद करता है।
विश्वभर में हर साल चिकनगुनिया बीमारी से 1.5 मिलियन लोगों की मौत होती है। यह बीमारी एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी के लक्षण मच्छर काटने के तुरंत बाद नजर नहीं आते हैं। मच्छर के काटने के दो से तीन दिन बाद इसका संक्रमण शुरू होता है। डार्क क्षेत्र की पहचान होने से बीमारी पर काबू पाने के लिए अब दवा बनाना आसान होगा।
डॉ. गिरी के साथ इस शोध पर स्कॉलर अंकुर सिंह, अंकुर कुमार व राखी यादव ने काम किया है। साउथ फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के डॉ. वाल्दमीर की इस शोध कार्य में अहम भूमिका रही है। चिकनगुनिया बीमारी का अब तक चिकित्सा जगत में कोई पुख्ता इलाज नहीं है। वायरस प्रोटीन आणविक पहचान पर एक साल से शोध चल रहा था।
बकौल डॉ. रजनीश गिरी का कहना है कि अब तक चिकनगुनिया के रोगजनक तंत्र की संरचना व गैर संरचना का पूरी तरह से पता नहीं था। डार्क क्षेत्र चिह्नित होने से गैर संरचना का पता चल गया है। इससे अब बीमारी के लिए दवा बनाना आसान होगा।
चिकनगुनिया के लक्षण
-चिकनगुनिया का सबसे प्रमुख लक्षण यह है कि इसमें जोड़ों में तेज दर्द होता है। बुखार होने से पहले शरीर में तेज
दर्द होता है। कई बार दर्द इतना अधिक होता है कि मरीज का बिस्तर से उठना मुश्किल हो जाता है।
-चिकनगुनिया में तेज बुखार आता है। कभी-कभी तापमान 104 डिग्री तक भी पहुंच जाता है। साथ ही ठंड भी
लगती है।
-बुखार के बाद 3 से 4 दिन के अंदर शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। उल्टी होना, सिरदर्द होना और मांसपेशियों मे होना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
-कई बार आंखें लाल हो जाती हैं और पानी आने लगता है। चिकनगुनिया में खुश्की की शिकायत भी हो जाती है।
बचाव के उपाय
-आसपास कहीं भी पानी जमा नहीं होने दें। रुके हुए पानी में मच्छर पनपते हैं , पूरे कपड़े पहनें शरीर को ढककर रखें ताकि मच्छरों से बचे रहें।
-घर को साफ-सुथरा रखें। घर के बाहर, गमलों में, बागीचे में या फिर किसी भी जगह पर जहां पानी जमा हो सकता है उस जगह की सफाई करें। जहां सीलन हो वहां चूने का छिड़काव करें।