सेब व मटर के लिए संजीवनी बनी बारिश
सहयोगी, गोहर : गोहर उपमंडल में हुई बारिश से किसान व बागवानों ने राहत की सांस ली है। सेब के बगीचों व
सहयोगी, गोहर : गोहर उपमंडल में हुई बारिश से किसान व बागवानों ने राहत की सांस ली है। सेब के बगीचों व मटर आलू की फसल के लिए बारिश वरदान साबित हुई है। पौधों पर फूल आने के बाद बागवानों को पानी ड्रा¨पग की समस्या से निजात मिली है। बारिश से बगीचों में होने वाली कई समस्याओं का हल हो गया है। बागवान व किसानों को डर था कि कहीं बारिश के साथ ओले पड़ गए तो भारी नुकसान होना तय था, लेकिन रिमझिम बारिश होने से अच्छी फसल होने की उम्मीदें पैदा हो गई हैं। गोहर की ज्यूणी घाटी के जहल, भूरला, देवीदड़, मुराहला, लोट, धारसुरांढी, सराज घाटी के कांढा, बगस्याड़, लेहगला, शिकावरी, बागाचनौगी, शिल्हीबागी, कल्हणी, भाटकीधार, थाची, गाड़गुसैणी, थाटा, नीलमपुर, थुनाग, ओडीधार, जंजैहली, ढीम कटारू, छतरी इलाकों में अच्छी बारिश होने से सेब सहित नकदी फसलों की बंपर फसल की पैदावार की उम्मीद जगी हैं।
कृषि विभाग गोहर के विषयवाद विशेषज्ञ डॉ. खूब राम चौहान ने कहा कि पहाड़ी इलाकों के लिए बारिश लाभकारी है। मैदानी इलाकों में गेहूं की फसल की कटाई बाधित हुई है। मटर की फसल के बाद व अन्य खाली खेतों पर अगली फसल की बिजाई आरंभ कर सकते हैं।
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मैदानी इलाकों में गेहूं कटाई पर संकट
मैदानी इलाकों में बारिश होने से गेहूं की फसल की कटाई प्रभावित हुई है। लोगों को मौसम साफ होने के बाद तक गेहूं की फसल समेटने के लिए कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। गोहर के चैलचैक, मौवीसेरी, पराहण, कासण, नांडी, स्यांज, बसी, देवधार, खारसी, डूगल, कोट, नौण, शाला, चच्योट आदि इलाकों में गेहूं की फसल तैयार है और किसानों ने कटाई का काम भी आरंभ कर दिया है। बारिश के कारण कटाई के काम में बाधा आई है। अब साफ मौसम के बाद किसान खेतों का रूख करेंगे।