आज आधी रात से महादेव को चढ़ेगा घृत
संवाद सहयोगी, मंडी : प्राचीन मंदिर भूतनाथ में हर साल शिवरात्रि का आगाज तारा रात्रि से ही हो जाता है।
संवाद सहयोगी, मंडी : प्राचीन मंदिर भूतनाथ में हर साल शिवरात्रि का आगाज तारा रात्रि से ही हो जाता है। इस बार बुधवार की तारा रात्रि से महादेव को घृत यानि मक्खन चढ़ना शुरू हो जाएगा। इसके बाद पारंपरिक तौर पर मंडी शिवरात्रि का आगाज हो जाता है। मंदिर के पुजारी महंत राजेश्वरानंद ने बताया कि 25 जनवरी से लेकर 23 फरवरी तक भूतनाथ के मंदिर में रोज घृत चढ़ेगा। इसके अलावा हर रोज शिव के नए रूप में प्रतिमाएं बनेगी। विधान के अनुसार जब पार्वती ने शिव को पाने के लिए कठिन तपस्या की थी तभी से ये विधान चला आ रहा है। महंत के अनुसार यह आयोजन मंदिर के महंत देवानंद गिरि की देखरेख में किया जाएगा । एक साल के 11 महीनों में भूतनाथ में निरंतर पानी से जलाभिषेक होता है। मगर एक महीने के लिए अब न पानी चढ़ेगा, न ही शिवलिंग के पास शेषनाग बैठेंगे। वैज्ञानिक तौर पर यह माना जाता है कि शिव¨लग पर 11 महीने पानी चढ़ने की वजह से ¨लग शुष्क हो जाता है, जबकि शिव के दर्शन घृत आवरण में होंगे। इस आवरण में मक्खन, मेवे, काजू, बादाम को भी अर्पित किया जाएगा। महीना भर घृत चढ़ने से भूतनाथ की प्रतिमा भी पांच से छह फुट तक हो जाती है। महंत राजेश्वारानंद ने बताया कि इस दौरान महादेव के कई रूप दिखाई देंगे। 23 फरवरी के बाद इस घृत को प्रसाद रूप में बांटा जाएगा। भूतनाथ मंदिर को फूलों व लाइट्स से सजाया जाएगा। छह फरवरी को भस्मी आरती की जाएगी। उसी दिन भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है ।
नागचला में चार तारीख को होगी प्राण प्रतिष्ठा
मंडी के नागचला में नवनिर्मित शनि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी। नागचला-डडौर फोरलेन के किनारे बने इस भव्य मंदिर में शनिदेव की नौ टन की प्रतिमा स्थापित की गई है। इसके अलावा मंदिर परिसर के बाहर शनि किला भी स्थापित किया गया है। आयोजक पप्पू बाबा ने बताया कि शनि¨सगना की तर्ज पर इस मंदिर में पूजा-पाठ होगा। उन्होंने बताया कि चार फरवरी के दिन उक्त मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी। उस दिन भंडारे का आयोजन किया जाएगा।