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भूटान की महारानी ने रिवालसर में की पूजा-अर्चना

सहयोगी, रिवालसर : भूटान के नरेश ¨जगमे ¨सगे वांगचुक की पत्नी महारानी सांग्या छूडिन वांगचुक अपनी दो दि

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 12:58 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 12:58 AM (IST)
भूटान की महारानी ने रिवालसर में की पूजा-अर्चना

सहयोगी, रिवालसर : भूटान के नरेश ¨जगमे ¨सगे वांगचुक की पत्नी महारानी सांग्या छूडिन वांगचुक अपनी दो दिवसीय धार्मिक यात्रा के चलते बौद्ध धर्म के महान तीर्थ स्थल रिवालसर पहुंची हैं। त्रिवेणी धर्म नगरी रिवालसर पहुंचने पर जिला प्रशासन की ओर से उपमंडलाधिकारी नागरिक बल्ह सिद्धार्थ आचार्य, पुलिस उप अधीक्षक पद्धर अनिल धोलटा, खंड विकास अधिकारी बल्ह सिकंदर ने उनका नागरिक अभिनंदन किया। इस मौके पर स्थानीय बौद्ध मठों के अनेक प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

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पर्यटन विभाग के रिवालसर स्थित होटल में दोपहर का भोजन करने के बाद महारानी वांगचुक ने गुरु पदमसंभव निगमापा गोंपा में पूजा-अर्चना की। यहां बौद्ध भिक्षुओं ने उन्हें खतक पहनाकर सम्मानित किया। इसके बाद महारानी रिवालसर से नौ किलोमीटर दूर स्थित गुरु पदमसंभव की तपोस्थली रही पावन गुफा के दर्शनार्थ सरकारीधार भी पहुंचीं और रिवालसर लौटते समय उन्होंने रिवालसर से सटी गुरु पदमसंभव की भीमकाय मूर्ति के दर्शन कर पूजा की। महारानी का रात्रि प्रवास पर्यटन विभाग के होटल में ही रहा। इस दौरान उनके साथ उनकी बेटी राजकुमारी हिपेम भी मौजूद रहीं। महारानी सांग्या छूडिन वांगचुक मंगलवार को भूटान से हवाई मार्ग से दिल्ली पहुंचीं। वहां से सड़क मार्ग से स्वर्ण मंदिर अमृतसर गई और बुधवार दोपहर सवा एक बजे रिवालसर पहुंचीं।


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