नोटबंदी ने किया नगर परिषद मंडी को मालामाल
संवाद सहयोगी, मंडी : नोटबंदी से जहां कालाधन रखने वालों की तिजोरियां खाली हो गई हैं, वहीं मंडी नगर पर
संवाद सहयोगी, मंडी : नोटबंदी से जहां कालाधन रखने वालों की तिजोरियां खाली हो गई हैं, वहीं मंडी नगर परिषद ने करोड़ों रुपये का राजस्व एकत्रित किया है। करीब दो हफ्ते में ही नगर परिषद के खजाने में 30 लाख रुपये से अधिक गृहकर व दुकानों का 80 लाख रुपये बकाया जमा हुआ है। यह पहला मौका है जब उपभोक्ताओं ने इतनी कम अवधि में इतना गृहकर व दुकानों का बकाया जमा करवाया। इससे मंडी नगर परिषद के लंबित गृहकर की काफी वसूली हो गई है। नौ नवंबर के बाद देश में 500-1000 के पुराने नोटों का चलन बंद हो गया है। नगर परिषद ने नोटबंदी के बाद भी गृहकर वसूली के लिए उपभोक्ताओं को पुराने 500-1000 रुपये के नोट से गृहकर भुगतान की छूट दे दी थी। इसके लिए उन्हें करीब दो हफ्ते का समय दिया गया था। 10 से 24 नवंबर तक गृहकर के रूप में नगर परिषद के खजाने में 30 लाख रुपये से अधिक राशि जमा हो गई। इसमें कई उपभोक्ता ऐसे भी थे जिन्होंने कई साल से गृहकर जमा नहीं करवाया था। नोटिस देने के बाद भी उपभोक्ता गृहकर जमा नहीं करवा रहे थे, लेकिन नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को ठिकाने लगाने के लिए गृहकर का भुगतान कर दिया है। इससे नगर परिषद की काफी रिकवरी हो गई है।
नगर परिषद मंडी जिला की सबसे बड़ी नगर परिषद है। इसके 13 वार्ड हैं और क्षेत्रफल काफी फैला हुआ है। नगर परिषद को गृहकर के रूप में सालाना करीब एक करोड़ 10 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन कुछ उपभोक्ता समय पर गृहकर का भुगतान नहीं करते। ऐसे में हर वर्ष नगर परिषद के लाखों रुपये उपभोक्ताओं के पास फंसे रहते हैं, लेकिन इस बार नोटबंदी के बाद लंबित गृहकर का उपभोक्ताओं ने भुगतान कर दिया है।
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नगर परिषद के लंबित गृहकर का लगभग भुगतान हो गया है। गत माह दो हफ्ते में ही 30 लाख रुपये से अधिक गृहकर और 80 लाख रुपये दुकानों का बकाया किराया जमा हुआ है।
- उर्वशी वालिया, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद मंडी।
80 लाख रुपये दुकानों का किराया आया
गृहकर के अलावा इस बार दुकानों का किराया भी दुकानदारों ने समय पर जमा करवा दिया है। नोटबंदी के बाद दो हफ्ते में ही नगर परिषद में दुकानों के किराये के करीब 80 लाख रुपये जमा हो गए हैं। इससे नगर परिषद को काफी राजस्व प्राप्त हुआ है। नगर परिषद मंडी के अंतर्गत करीब तीन सौ दुकानें हैं। इनमें से 74 दुकानें केवल इंद्रिरा मार्केट में ही हैं।