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शहादत याद दिलाने एसडीएम के पास पहुंची वीर नारी

सहयोगी, बग्गी : शहीद प्रेमदास की शहादत याद दिलाने के लिए वीर नारी मंगलवार को एसडीएम के द्वार पहुं

By Edited By: Published: Wed, 26 Oct 2016 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 26 Oct 2016 01:00 AM (IST)
शहादत याद दिलाने एसडीएम के पास पहुंची वीर नारी

सहयोगी, बग्गी : शहीद प्रेमदास की शहादत याद दिलाने के लिए वीर नारी मंगलवार को एसडीएम के द्वार पहुंची। उन्होंने शहीदी दिवस पर शहीद प्रेमदास को प्रशासन व सरकार द्वारा याद न करने पर रोष व्यक्त किया व एसडीएम बल्ह को ज्ञापन दिया। शहीद की पत्नी धर्मा देवी का कहना है कि उनके पति शहीद प्रेम दास ने अन्य वीरों की भांति देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। सरकार व प्रशासन शहीदों के बलिदान को भूल चुका है। कई जगह शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए और कई शहीदों के बलिदान को भुला दिया गया।

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बग्गी पंचायत के कांगरू निवासी शहीद प्रेमदास की पत्नी ने बताया कि उन्होंने शहीदी दिवस पर घर में ही फूलमाला पहनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की थी। प्रेम दास ने 22 जुलाई 2000 को जम्मू-कश्मीर में सुदरमणी सांभा के अखनूर सेक्टर में भारत माता की रक्षा करते हुए प्राणों की आहुति दी थी। शहीद प्रेम दास थ्री ग्रिनेडियर रेजिमेंट में वर्ष 1996 में भर्ती हुए थे।

धर्मा देवी का कहना है कि जब किसी का बेटा या किसी का सुहाग देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देता है तो उस समय सरकार के नुमाइंदे और प्रशासनिक अधिकारी बड़े-बड़े वादे कर सांत्वना देते हैं, लेकिन वह सिर्फ एक दिखावा होता है। वादे पूरे करना तो दूर की बात शहीदों को याद तक नहीं किया जाता है। अन्य सुविधाएं देना तो दूर उन्हें सोलह साल में एक बार भी प्रशासन या सरकार ने याद तक नहीं किया।

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शहीदों की शहादत को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। बग्गी के शहीद प्रेम दास के बारे में जिला प्रशासन को अवगत करवाया जाएगा।

-सिद्धार्थ आचार्य, एसडीएम बल्ह।


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