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विस्थापितों के हक न दबाए प्रदेश सरकार

जागरण संवाददाता, मंडी : प्रदेश सरकार फोरलेन निर्माण कार्य में विस्थापित हो रहे लोगों की आवाज को नजरअ

By Edited By: Published: Thu, 11 Feb 2016 07:04 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2016 07:04 PM (IST)
विस्थापितों के हक न दबाए प्रदेश सरकार

जागरण संवाददाता, मंडी : प्रदेश सरकार फोरलेन निर्माण कार्य में विस्थापित हो रहे लोगों की आवाज को नजरअंदाज कर रही है। विस्थापितों के हक दबाकर उनको आंदोलन करने के लिए विवश किया जा रहा है। इससे फोरलेन का निर्माण कार्य बाधित हो रहा है। मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रदेश सरकार विस्थापितों के हल दबाकर कार्य बाधित न करवाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में किसानों को विस्थापित होने पर दोगुना और ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को चार गुना मुआवजा देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले को प्रदेश सरकार नजरअंदाज कर रही है और फोरलेन में विस्थापित होने वाले किसानों को उचित मुआवजा न देकर उन्हें आंदोलन करने के लिए बाध्य कर रही है। कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन में 1800 करोड़, नेरचौक-मनाली में 4200 करोड़ रुपये खर्च कर रही है तथा इसी कड़ी में परवाणू-शिमला फोरलेन में 2600 करोड़, पठानकोट-मंडी, मटौर-हमीरपुर को स्वीकृति मिल चुकी है। अरबों रुपये की लागत से आठ एनएच व सुरंगों के कार्य स्वीकृत हो चुके हैं, बाईपास पपरोला-बैजनाथ, जो¨गद्रनगर बाईपास और ठियोग बाईपास की स्वीकृति राशि एनएच को एक वर्ष पूर्व भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि फोरलेन व बाइपास से असंख्य किसान व अन्य विस्थापित हो रहे हैं तथा वह अब आंदोलन के लिए उतारू हो गए हैं। इससे निर्माण कार्य में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि यूपीए सरकार ने भी 2013 में भू-अधिग्रहण बिल पास किया था। इसमें भी शहरी क्षेत्रों में दोगुना और ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुना मुआवजा देने की बात की थी। अत: राज्य सरकार अति शीघ्र किसानों व अन्य विस्थापितों को उचित मुआवजा देकर निर्माण कार्य को समय अवधि में पूरा करवाने में अपना सहयोग दे।


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