आठ सौ स्पोर्ट्स फिश प्रजनन को तैयार
सुरेंद्र शर्मा, मंडी मत्स्य पालन विभाग की महाशीर प्रजाति को बचाने की कवायद अब रंग लाने लगी है। मछ
सुरेंद्र शर्मा, मंडी
मत्स्य पालन विभाग की महाशीर प्रजाति को बचाने की कवायद अब रंग लाने लगी है। मछयाल में निर्मित महाशीर प्रजनन केंद्र (फार्म) में इस मछली के प्रजनन की घड़ी नजदीक आने लगी है। विभन्न खड्डों से एकत्रित की गई इस प्रजाति की सात से आठ सौ मछलियां प्रजनन के लिए तैयार हो गई हैं। जुलाई में फार्म में प्रजनन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रदेश में पहली बार महाशीर प्रजाति की मछली किसी केंद्र में तैयार की जाएगी।
मत्स्य पालन विभाग ने विलप्त हो रही महाशीर प्रजाति की मछली को बचाने के मकसद से करोड़ों रुपये की लागत से मंडी जिला के मछयाल में मत्स्य प्रजनन केंद्र का निर्माण किया है। प्रदेश के नदी नालों व खड्डों में जब से हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का निर्माण हुआ है तब से महाशीर प्रजाति के वजूद पर संकट गहरा गया है। आलम यह है कि प्रदेश के करीब करीब सभी नदी नालों पर जलाशयों में पनपने वाली महाशीर विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई है। स्पोर्ट्स फिश के नाम से मशहूर इस प्रजाति की प्रदेश से बाहर अच्छी खासी मांग रहती है। लेकिन वर्तमान में महाशीर प्रजाति की मछली कुछ एक खड्डों तक ही सीमित होकर रह गई है। स्पोर्ट्स फिश के वजूद को खत्म करने के लिए मत्स्य पालन विभाग ने करोड़ों रुपये की लागत से मछयाल में मत्स्य प्रजनन केंद्र का निर्माण किया है। केंद्र में डाली गई सात से आठ सौ मछलियां अब प्रजनन के लिए तैयार हो गई है। जुलाई माह में मछलियां प्रजनन प्रक्रिया शुरू कर देगी। इससे गर्म स्थानों में मत्स्य पालन शुरू करने वालों का सपना भी साकार हो सकेगा। उपयुक्त वातावरण मिले तो महाशीर एक साल की अवधि में आठ सौ ग्राम से एक किलो तक वजन की हो जाती है। आने वाले समय में विभाग किसानों को स्पोर्ट्स फिश का बीज भी मुहैया करवाएगा।
मछयाल मत्स्य प्रजनन केंद्र में महाशीर प्रजाति की मछली प्रजनन को तैयार हो गई है। इससे विलुप्त हो रही प्रजाति को बचाने के लिए काफी मदद मिलेगी। निकट भविष्य में किसानों को महाशीर प्रजाति की मछली का बीज भी विभाग उपलब्ध करवाएगा।
गुरचरण ¨सह, निदेशक मत्स्य पालन विभाग हिमाचल प्रदेश