सच्चिदानंद ब्रह्म हैं भगवान श्रीकृष्ण : पंडित मनोज
कृष्ण जन्माष्टमी की कथा में किया भगवान की लीलाओं का वर्णन संवाद सहयोगी, मंडी : सनातन धर्मसभा मंड
कृष्ण जन्माष्टमी की कथा में किया भगवान की लीलाओं का वर्णन
संवाद सहयोगी, मंडी : सनातन धर्मसभा मंडी में चल रही कृष्ण जन्माष्टमी की कथा में पंडित मनोज कुमार सारस्वत ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण सच्चिदानंद ब्रह्म हैं। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए पंडित मनोज कुमार ने कहा कि परमात्मा की तीन प्रकार की इच्छाएं हुआ करती हैं। सिसृक्षा रिरंसा व युयुत्सा। पहली इच्छा की पूर्ति के लिए अपने ही अंश से अनेकों प्रकार की सृष्टि रचना करते हैं। दूसरी इच्छा की पूर्ति के लिए अपनी ही अंशभूत अनेकों गोपियों को प्रकट करके उनके साथ रास रचाते हैं और तीसरी इच्छा की पूर्ति के लिए अपनी इच्छा से अपने द्वारपालों को ऋषियों से श्राप दिलवा कर उन्हें अतुलित बल देकर अनेकों जन्मों तक उनसे युद्ध करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि जीव व ब्रह्म में तत्वत: कोई भेद नहीं है। ब्रह्म ही एको भूत्वाबहुस्याम की इच्छा से अनेकों रूपों में प्रकट हुए हैं, लेकिन माया के बंधन के कारण जीव स्वयं को ब्रह्म से भिन्न समझता है। इस अवसर पर सनातन धर्मसभा के प्रधान, उपप्रधान, महासचिव, कोषाध्यक्ष, प्रैस सचिव बालकृष्ण शर्मा तथा कार्यकारिणी के समस्त सदस्य भी उपस्थित थे।