पुलिस ने प्रभावित की जांच : भूपेंद्र
जागरण संवाददाता, मंडी : मजदूर संगठन सीटू ने आरोप लगाया है कि 20 जून को आइआइटी कमांद में हुए गोलीकाड
जागरण संवाददाता, मंडी : मजदूर संगठन सीटू ने आरोप लगाया है कि 20 जून को आइआइटी कमांद में हुए गोलीकाड व खून खराबे के मामले में मंडी पुलिस जाच की दिशा को मोड़ कर किसी तरह से ठेकेदार, कंपनी, श्रम विभाग व इपीएफओ विभाग को क्लीन चिट देकर मजदूरों व यूनियन नेताओं को ही फसाना चाह रही है। सीटू के जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मंडी पुलिस की एसआइटी का जाच का दायरा रहा है, उससे साफ लगता है कि वह इस कोशिश में है कि 20 जून को हुए गोलीकाड व उसके बाद हुए बाउसरों की मौत के लिए सीटू से जुड़े नेताओं व मजदूरों को ही दोषी बनाया जाए।
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले में उपायुक्तमंडी ने मजिस्ट्रेटी जाच बिठाई थी। इसकी बीते दिन आई रिपोर्ट में यह बात साफ जाहिर हो गई है कि यह सारा फसाद इपीएफ के जमा न करवाने तथा केंद्रीय श्रम विभाग व कंपनी की लापरवाही की वजह से हुआ है। इपीएफ को लेकर ही मजदूरों ने 15 जून को हड़ताल शुरू की थी। 19 जून को प्रशासन को इस बारे में खबरदार भी कर दिया था। 20 जून को जब हड़ताली मजदूर कंपनी अपनी माग को लेकर ठेकेदार व कंपनी के यहा प्रदर्शन कर रहे थे तो ठेकेदार के बाउसरों ने उन पर गोलिया चलाई, जिससे स्थानीय यूनियन के प्रधान सहित सात लोग जख्मी हुए व बाद में हुई हिसा में चार बाउसर भी मारे गए। पुलिस इस मामले में अब तक 15 मजदूरों, जिनमें दो सीटू नेता भी है को गिरफ्तार कर चुकी है। सभी मजदूर संगठन जिनमें सीटू, बीएमएस, इटक व एटक शामिल है ने इन गिरफ्तारियों को निर्दोष मजदूरों की गिरफ्तारिया बताते हुए अपना विरोध जताया तथा विरोध प्रदर्शन भी कर चुके है। साथ ही मंडी पुलिस के जाच पर सवाल उठाकर इस मामले की जाच राज्य स्तरीय जाच एजेंसी से करवाने की भी माग बार बार की जा रही है। यह माग इसलिए की जा रही है कि मंडी पुलिस इस मामले में मजदूरों पर ही दोष मढ़ने की कहानी गढ़ने में लगी है। पुलिस का प्रयास है कि बाउसंरों की ओर से गोली चलाने को आत्मरक्षा माना जाए, औरसारा दोष मजदूरों पर मढ़ दिया जाए। सीटू के जिला प्रधान ने कहा कि 2 सितंबर को होने जा रही मजदूर संगठनों की संयुक्त राष्ट्रव्यापी हड़ताल में इस मामले को उठाया जाएगा।