नंदी बैल की मूर्ति ने लिया अपना स्वरूप
संवाद सूत्र, भराड़ू : बाबा बालक रूपी मंदिर में शनिवार को तीसरे मेले के दौरान श्रद्धालुओं की काफी भीड़
संवाद सूत्र, भराड़ू : बाबा बालक रूपी मंदिर में शनिवार को तीसरे मेले के दौरान श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही। प्राचीन मंदिर बाबा बालक रूपी में हर साल दो बार मेले का आयोजन किया जाता है। यह मेला महीने के हर शनिवार को मनाया जाता है। पहले शनिवार को प्राचीन मंदिर में लगी नंदी बैल की मूर्ति का सिर धड़ से अलग होने के कारण बाबा के भक्तों को निराश होकर जाना पड़ा था, वहीं दूसरे शनिवार को नंदी बैल की मूर्ति की पूंछ गायब होने के कारण श्रद्धालुओं को नंदी बैल के दर्शन नहीं हो पाए थे। बाबा बालक रूपी मंदिर के अध्यक्ष राहुल चौहान ने कुल्लू से मूर्ति ठीक करवाने के लिए 31 हजार रुपये का खर्चा किया, इसमें बीस हजार रुपये मूर्ति कारीगर को दिए गए। इस मंदिर की विशेषता नंदी बैल की मूर्ति से ही है। अधिकतर श्रद्धालु नंदी बैल के कान में मन्नत मांगते हैं, जिसे नंदी बैल अवश्य पूरी करते हैं। नंदी बैल की मूर्ति ने अपना स्वरूप ले लिया है। स्थानीय लोगों और मेले में आए हुए व्यापारियों में मूर्ति को देखने के लिए काफी उत्साह रहा। प्राचीन मंदिर की छत के लिए भी प्रशासन ने पांच लाख की राशि का प्रावधान किया है। बरसात के बाद इसका कार्य शुरू किया जाएगा।