सरकार की नजर-ए-इनायत को तरसी चौहार घाटी
आशीष भोज, पद्धर पर्यटन की अपार संभावनाएं संजोए द्रंग क्षेत्र के पर्यटन स्थल आज भी सरकार की नजर-ए-इ
आशीष भोज, पद्धर
पर्यटन की अपार संभावनाएं संजोए द्रंग क्षेत्र के पर्यटन स्थल आज भी सरकार की नजर-ए-इनायत को तरस रहे है। पद्धर उपमंडल की चौहार घाटी को प्रकृति ने चार चांद लगाए हैं मगर इसे संवारने के लिए सरकारी तौर पर साकारात्मक प्रयास नहीं हुए हैं। ईको टूरिज्म और होम स्टे योजना शुरू कर पर्यटन को बढ़ावा देने की कई बार घोषणाएं हुई मगर ये महज आश्वासनों तक सीमित रही। धरातल में ईको टूरिज्म और होम स्टे योजना शुरू नहीं हो पाई है। पद्धर उपमंडल की चौहार घाटी के झटींगरी और बरोट और पराशर आदि रमणीक स्थल भी पर्यटन की दृष्टि से कुल्लू-मनाली और शिमला से कम नहीं है। यहा की सुंदरता का आनंद लेने के लिए देशी और विदेशी पर्यटक चौहारघाटी पहुंचते है। पर्यटक चौहार घाटी की वादियों को निहारने के साथ साथ यहा टै्रकिंग का भी आनंद लेते है। यहा से बरोट-लुहारडी और बड़ा भगाल होते हुए चंबा तथा थल्टूखोड़ से फुंगणी जोत और भूभू जोत हुए कुल्लू-मनाली के लिए पैदल टै्रक भी उपलब्ध है। चौहार घाटी की सुंदर वादियों में टै्रकिंग करना विदेशी मेहमान पसंद करते है मगर रास्ते में ठहरने के लिए पर्याप्त सुविधाए न मिलने के कारण पर्यटकों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। समर सीजन में अन्य वर्षो की अपेक्षा सबसे ज्यादा पर्यटक चौहार घाटी में दस्तक दे रहे है मगर ठहरने के लिए माकूल व्यवस्था न होने के कारण विदेशी मेहमानों को यहा खासी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। पर्यटक मजबूरी में इन टेंटों में रात काट रहे है। दिल्ली से आए पर्यटकों में अमित महाजन, सुचित्रा महाजन, विनय शर्मा, विवेक शर्मा, हर्षा शर्मा आदि ने ठहरने की सुविधा न होने से उनको दिक्कतें आती हैं। ग्रामीणों राम लाल, शकर कुमार, कृष्ण देव, नेक राम, रोशन लाल, रमेश कुमार, विरेद्र कुमार, संतोष और राजेश कुमार का कहना है कि यहां पर्यटन को संवारा जाए। लोक निर्माण विभाग मंडी-एक के अधीक्षक नरोत्तम सिंह ठाकुर ने लोक निर्माण विभाग के बरोट और पराशर रेस्ट हाउस में इस बार सबसे अधिक बुकिंग चल रही है। इसके लिए एक से दो सप्ताह पहले लोग बुकिंग कर रहे है। विभाग विश्राम गृह में बेहतर सुविधा मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत है।