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गोहर में भी पीला रतुआ ने पसारे पाव

सहयोगी, चैलचौक : उपमंडल गोहर में भी पीला रतुआ ने पाव पसार दिए हैं। जैसे-जैसे फसल बढ़ रही है, वैसे-वै

By Edited By: Published: Fri, 06 Mar 2015 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2015 01:00 AM (IST)
गोहर में भी पीला रतुआ ने पसारे पाव

सहयोगी, चैलचौक : उपमंडल गोहर में भी पीला रतुआ ने पाव पसार दिए हैं। जैसे-जैसे फसल बढ़ रही है, वैसे-वैसे पतियों में पीला रग चढ़ना शुरू हो गया है। गोहर क्षेत्र के अधिकतर किसान गेहूं की फसल उगाते है। किसान खेतीवाड़ी पर ही निर्भर है। फसल में पीलापन आ जाने से किसानों को फसल खराब हो जाने का खतरा महसूस होने लगा है, इससे किसान परेशान हैं। यहा स्याज, छपराहण, नाडी, बैला, मौवीसेरी, तरौर, चैलचौक, चच्योट, बासा, नौण, शाला आदी पंचायतों में पीला रतुआ के लक्षण पाए गए हैं। कृषि विभाग इस मामले में सतर्क हो गया है। कृषि विकास अधिकारी रमेश कुमार सैनी व मुंशी राम सहित विभाग के कर्मचारी इस मामले पर गंभीर हैं। उन्होंने पीला रतुआ से निपटने के लिए टीम का गठन कर किसानों को इसके उपचार के लिए जागरूक करना शुरू कर दिया है।

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एडीओ रमेश सैनी का कहना है कि पीला रतुआ बढ़ने की शिकायतें विभाग के पास पहुच रही हैं। उपचार के लिए विभाग के अधिकारी व कर्मचारी स्वयं किसानों के पास पहुचकर उपचार करने के तरीके बता रहे हैं। किसान अपने खेतों में पूरी निगरानी रखे तथा बीमारी के लक्षण पता चलने के तुरंत बाद टिल्ट (प्रेपिकोनाजोल) नामक फंफूदनाशक दवाई का खेतों में छिड़काव करें। दो से चार दिन के अंतराल के बाद दोबारा छिड़काव करें। यह फंफूदनाशक दवाई कृषि विभाग के सभी विक्रय केंद्रों पर उपलब्ध करवा दी गई है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि पीला रतुआ के कारण वह बिल्कुल भी परेशान न हों, विभाग इस बीमारी से लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने किसानों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 01907250673, मोबाइल नंबर 98160-66884 और 94184-84725 जारी कर दिए हैं। इन पर किसान किसी भी कार्यदिवस पर सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक सुझाव ले सकते हैं।


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