सड़क पर उतरे बीमाकर्मी
मंडी में केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन मोमबत्ती जुलूस निकालकर प्रकट किया रोष संवाद सहयोगी
मंडी में केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
मोमबत्ती जुलूस निकालकर प्रकट किया रोष
संवाद सहयोगी, मंडी : मंडी में कार्यरत बीमाकर्मियों ने अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संगठन के आह्वान पर शुक्रवार को धरना-प्रदर्शन किया। भारत सरकार द्वारा पारित बीमा कानून बिल (संशोधन) 2008 के खिलाफ मोमबत्ती जुलूस निकालकर रोष प्रकट किया गया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
उतर क्षेत्र बीमा कर्मचारी संगठन के शाखा सचिव रूपलाल भारद्वाज ने बताया कि दो दशक से जितनी भी सरकारें सत्ता में आईं उन्होंने आर्थिक सुधार के नाम पर देश की अर्थव्यवस्था को खोलकर अपने नव उदारीकरण की आर्थिक नीतियों को लागू किया। उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी को बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। सार्वजनिक बीमा कंपनियों द्वारा बीमा सुरक्षा व लघु बचतों द्वारा जो प्रीमियम देश के आम आदमी से एकत्रित किया जाता है उसका उपयोग देश, समाज कल्याणकारी योजनाओं व ढांचागत विकास में निवेश किया जाता है। वहीं निजी बीमा कंपनियों में विदेशी निवेश के नाम पर नाममात्र ही पूंजी देश में आती है। बदले में देश की जनता की घरेलू बचतें बाहर चली जाएंगी। इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर उनका नियंत्रण हो जाएगा। उन्होंने बताया कि 2000 से अब तक सभी 23 निजी बीमा कंपनियां मात्र छह हजार करोड़ की राशि देश में ला पाई है, जबकि अकेले एलआइसी ने 2012-13 एक वर्ष में ही सरकार को 8809.38 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की है।
बीमा कर्मियों का कहना है कि प्रस्तावित बिल जनप्रतिरोध के बावजूद पारित हो जाता है तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस बिल के पारित होने से एफडीआइ की भूख समाप्त नहीं होगी।
भारद्वाज ने बताया कि मोदी सरकार व वित्त मंत्री यह स्पष्टीकरण देकर देश की जनता को अनुग्रहित कर रहे हैं कि जब उनकी पार्टी विपक्ष में थी तो एफडीआइ का विरोध किसलिए किया। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा का विरोध तब राष्ट्रहित में था तो अब एफडीआइ वृद्धि राष्ट्र हित में कैसे है।