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चरस तस्कर को सात साल का कारावास

जागरण संवाददाता, मंडी : चरस तस्करी के दोषी के खिलाफ अभियोग साबित होने पर अदालत ने उसे सात साल के का

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 01:28 AM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 01:28 AM (IST)
चरस तस्कर को सात साल का कारावास

जागरण संवाददाता, मंडी : चरस तस्करी के दोषी के खिलाफ अभियोग साबित होने पर अदालत ने उसे सात साल के कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषी के निश्चित समय में जुर्माना न अदा करने पर उसे एक साल की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

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अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (दो) डीआर ठाकुर की विशेष अदालत (तीन) ने उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिला की तहसील नरेंद्र नगर के तपोबन (मुनीकेरेती) निवासी धर्मेद्र सिंह बिष्ट पुत्र विक्रम सिंह बिष्ट के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार औट थाना पुलिस का दल मुख्य आरक्षी जगदीश चंद की अगुवाई में चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर झलोगी मोड़ के पास तैनात था। इस दौरान कुल्लू की ओर से पैदल आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देखकर पीछे मुड़कर भागने की कोशिश की। इस पर पुलिस दल ने दोषी को काबू कर उसके बैग की शक के आधार पर तलाशी ली तो इसमें से 700 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम के तहत हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक जिला न्यायावादी अजय ठाकुर ने मामले को साबित करने के लिए 10 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चरस बरामदगी का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने दोषी से बरामदशुदा चरस की मात्रा को देखते हुए उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।


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