लक्ष्य से पीछे रहीं प्रोजेक्टों की टरबाइनें
जागरण संवाददाता, मंडी : प्रदेश के नदी-नालों में पानी की अच्छी उपलब्धता के बावजूद राज्य विद्युत परिषद
जागरण संवाददाता, मंडी : प्रदेश के नदी-नालों में पानी की अच्छी उपलब्धता के बावजूद राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड के 18 पवविद्युत प्रोजेक्टों में टरबाइनें विद्युत उत्पादन के निर्धारित लक्ष्य को छू नहीं पाई है। सिंतबर में परिषद के प्रोजेक्टों में निर्धारित लक्ष्य से करीब 148 लाख यूनिट उत्पादन कम हुआ है। वहीं, बीबीएमबी के प्रोजेक्टों में लक्ष्य से 14 फीसद अधिक उत्पादन हुआ है। इससे बीबीएमबी प्रबंधन खुश है।
केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग ने राज्य विद्युत परिषद के पनविद्युत प्रोजेक्टों में सिंतबर में 2793.050 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा था। जबकि इस दौरान 2645.532 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है। जो लक्ष्य से करीब 148 लाख यूनिट कम है। इससे परिषद को लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है।
छह मेगावाट क्षमता वाले बिनवा प्रोजेक्ट में 21.373 लाख यूनिट, छह मेगावाट की गज परियोजना में 7.314 लाख यूनिट, 12 मेगावाट की बनेर परियोजना में 53.721 लाख यूनिट, 12 मेगावाट की खौली में 45.516 लाख यूनिट, 126 मेगावाट की लारजी में 732.550 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन रिकॉर्ड किया गया है। 120 मेगावाट की भावा में 787.520 लाख यूनिट, 22.5 मेगावाट की गानवी में 132.30 लाख यूनिट, 2.5 मेगावाट क्षमता की नोगली परियोजना में 3.831 लाख यूनिट,60 मेगावाट वाली गिरी परियोजना में 305.090 लाख यूनिट, चाबा में 8.511 लाख यूनिट, उत्पादन दर्ज किया गया है। 16.95 मेगावाट क्षमता की आंध्रा परियोजना में 80.707 लाख यूनिट, बस्सी में 341.323 लाख यूनिट, रुकती परियोजना में 0.355 लाख यूनिट, थिरोट में 5.599 लाख यूनिट, शाल द्वितीय में 5.386 लाख यूनिट, होली में 11.0143 लाख यूनिट, किलाड़ में 0.506 लाख यूनिट व गानवी द्वितीय में 59.862 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है।
लक्ष्य से कम विद्युत उत्पादन होने के पीछे नदी-नालों के पानी में गाद की मात्रा बढ़ना मुख्य कारण रहा है।
बीबीएमबी के डैहर, भाखड़ा, पौंग, कोटला व गंगूवाल प्रोजेक्ट में केंद्रीय विद्युत विनिमायक प्राधिकरण ने सिंतबर तक 5627 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा था। जबकि इस अवधि के दौरान 6408 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है।
राज्य विद्युत परिषद के मुख्य अभियंता (उत्पादन) सुंदरनगर बीएम सूद ने बताया कि बारिश के कारण नदी-नालों के पानी में गाद बढ़ने से कई प्रोजेक्ट बंद हो गए थे। इस कारण निर्धारित लक्ष्य से 148 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन कम हुआ है।