गड्ढों में राज्यस्तर के लिए प्रतिभाओं की खोज
जागरण संवाददाता, मंडी : मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान की दशा सुधारने की दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं
जागरण संवाददाता, मंडी : मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान की दशा सुधारने की दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है। मैदान की हालत दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है। मैदान की हालत सुधारने के लिए न ही खेल विभाग कोई संज्ञान ले रहा है और न ही जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है। मंडी शहर में जो खुला स्थान बचा है वह पड्डल मैदान ही है। यह स्थान जहा लोगों के लिए प्रात की सैर के लिए बेहतरीन है वहीं मंडी में जिला स्तर से लेकर राज्यस्तर की खेलों का आयोजन भी इसी मैदान में होता है। यही नहीं अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला भी इसी मैदान में सजता है, लेकिन इतने सारे आयोजन होने के बाद भी मैदान के जख्मों को पूरी तरह से नहीं भरा जाता है। आज भी पड्डल मैदान अपनी दुर्दशा पर बदहाली के आसू बहा रहा है।
जिला खेल विभाग भी मैदान की स्थिति को सुधारने के लिए दलील दे रहा है कि मैदान की दशा सुधारने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे, लेकिन हालात ये है कि कई मैदान उबड़ खाबड़ हो गया है। जहा खेलते हुए खिलाड़ियों को भी कई बार चोटे आती है। बारिश के दौरान यह मैदान पूरा तालाब बन जाता है। मैदान के ऊबड़-खाबड़ होने के चलते बारिश के पानी की यहा सही तरीके से निकासी नहीं हो पाती है। वर्तमान में पड्डल मैदान में जिलास्तरीय महिला खेलों का आयोजन चल रहा है, लेकिन मैदान की दशा बहुत ही दयनीय है, जहा खिलाड़ियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उधर, मंडी बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेन्द्र सिंह गुलेरिया ने कहा कि पड्डल मैदान जिला प्रशासन और खेल विभाग के पास है। यह प्रशासन को केवल आय का साधन बन गया है। इसकी दशा को सुधारने के लिए कोई भी प्रबंध नहीं किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे लेकर कड़े प्रबंध करे। मैदान को ोल के आयोजन में ही इस्तेमाल में लिए जाए। यहा दूसरे कोई भी इवेंट नहीं किए जाएं। जो भी निजी तौर पर यहा टूर्नामेंट या अन्य आयोजन होते हैं। उनसे मैदान की दशा सुधारने का भी प्रावधान करे।
डीसी से उठाया है मामला
जिला खेल अधिकारी मंडी वेद प्रकाश उपाध्याय के मुताबिक उन्होंने हाल ही में कार्यभार संभाला है। मैदान की स्थिति और विभाग की अन्य समस्याओं के संबंध मे जिलाधीश मंडी से बात की है।