ईएसआइसी प्रबंधन ने करोड़ों का फर्नीचर टेंडर रद किया
हंसराज सैनी, मंडी
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की ओर से ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज नेरचौक में एमबीबीएस की कक्षाएं चलाने की मंजूरी न मिलने के बाद ईएसआइसी प्रबंधन ने तीन करोड़ रुपये के फर्नीचर का टेंडर रद कर दिया है। कर्मचारियों की नियुक्तियां भी ठंडे बस्ते में डाल दी है। ईएसआइसी प्रबंधन के इस कदम से लोगों की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है। लोगों की नजर अब हाईकोर्ट के फैसले पर टिक गई है। कक्षाएं शुरू न करने को लेकर एक व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट नौ सितंबर को फैसला सुनाएगा। इस सत्र से कक्षाएं शुरू होने की संभावनाओं के बीच ईएसआइसी प्रबंधन ने मेडिकल कॉलेज के लिए करीब तीन करोड़ रुपये के फर्नीचर का टेंडर दिल्ली की एक फर्म को दिया था। कक्षाएं शुरू करने की मंजूरी न मिलने के बाद केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने भी अब कॉलेज चलाने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज को एम्स में तबदील किए जाने की पिछले कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उस पर विराम लगा दिया है। एम्स का अलग परिसर बनेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन प्रदेश सरकार को यह बात स्पष्ट रूप से बता चुके हैं। प्रदेश सरकार से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 1000 बीघा भूमि की मांग कर चुका है। एम्स के लिए प्रदेश सरकार को निशुल्क भूमि उपलब्ध करवानी होगी जबकि आधारभूत ढांचा खड़ा करने पर केंद्र सरकार पैसा खर्च करेगी। इस फैसले से ईएसआइसी प्रबंधन की उम्मीदों को गहरा आघात पहुंचा है। अब कोई विकल्प सामने नहीं दिख रहा है। मेडिकल कॉलेज परिसर का निर्माण कर रहे एनबीसीसी का भी करीब 40 करोड़ रुपये ईएसआइसी प्रबंधन के पास फंसा हुआ है। पैसा न मिलने से कामगारों को तीन माह से वेतन नहीं मिल रहा है। ठेकेदार पांच सितंबर से काम बंद करने का अल्टीमेटम दे चुके हैं। ऐसे में ईएसआइसी प्रबंधन को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। प्रबंधन की निगाहें भी अब हाईकोर्ट के संभावित फैसले पर टिकी हुई है। ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज नेरचौक में एमबीबीएस की 100 सीटें हैं। इसमें 40 प्रतिशत सीटें हिमाचली बच्चों के लिए और 20 फीसद सीटें ईएसआइसी से जुड़े कर्मचारियों व अधिकारियों के बच्चों तथा 40 प्रतिशत अखिल भारतीय स्तर पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के लिए आरक्षित हैं। ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज नेरचौक के डीन डॉ. डीएस धीमान ने कॉलेज के लिए खरीदे जा रहे तीन करोड़ रुपये के फर्नीचर का टेंडर रद करने और कर्मचारियों की नियुक्तियां ठंडे बस्ते में डालने जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला क्या आएगा, इसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।