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औट के हॉट मिक्सर प्लांट व क्रशर पर रोक

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 01:21 AM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 01:21 AM (IST)
औट के हॉट मिक्सर प्लांट व क्रशर पर रोक

जागरण संवाददाता, मंडी : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) नई दिल्ली की प्रिंसिपल बैंच ने जिला मंडी की औट उपतहसील के टकोली गांव के हॉट मिक्सर प्लांट और क्रशर यूनिट पर रोक लगा दी है। ट्रिब्यूनल ने उपायुक्त मंडी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश का पालन करने को कहा है। ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार, न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति एमएस नांबियार, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. डीके अग्रवाल और डॉ. आरसी त्रिवेदी की बैंच में शिमला सर्किट के दौरान ज्ञान चंद बनाम स्टेट मामले में उक्त आदेश पारित किए है।

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टकोली पंचायत के उपप्रधान ज्ञान चंद ने पंचायत में लगाए गए हॉट मिक्सर प्लांट और क्रशर से फैल रहे प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रीन ट्रिब्यूनल में अर्जी दी है। जिस पर कार्रवाई करते हुए ग्रीन ट्रिब्यूनल की बैंच ने आदेश पारित करते हुए कहा कि इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से दाखिल किया गया शपथ पत्र संतुष्टिजनक नहीं है। बैंच ने प्रार्थी को दो सप्ताह में जवाब, शपथ पत्र और उनके पास उपलब्ध अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करके रिकार्ड में लाने को कहा है। ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को निर्देश दिया है कि इस हॉट मिक्सर प्लांट को सेटअप करने की सही तिथि, इसे स्थापित करने और संचालित करने की सहमति कब दी गई थी के बारे में जानकारी देने को कहा है। उसी तरह स्टोन क्रशर को स्थापित करने और संचालित करने की सहमति बोर्ड ने कब दी थी के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि यह हैरानीजनक है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह नोटिस किया है कि स्टोन क्रशर ब्यास नदी के किनारे से 119 मीटर दूर स्थित है और हॉट मिक्सर प्लांट नदी किनारे से 19 मीटर दूर है। यह सदमे से भरा हुआ है कि इस तरह के प्लांट को संचालित करने की अनुमति किस तरह से दी गई। जबकि यह दूरी 1000 मीटर और कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए। ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न तस्वीरों से यह स्पष्ट होता है कि यह प्रदूषण करने वाला यूनिट है। इस बारे में बोर्ड को पूरी रिपोर्ट रिकार्ड में लाने को कहा है। यूनिट का निरीक्षण प्रार्थी की उपस्थिति में किया जाएगा और इसके रिजल्ट भी रिकार्ड में लाए जाएं और तब तक यूनिट का संचालन बंद रहेगा। जिला के उपायुक्त और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस आदेश की अनुपालना को सुनिश्चित करेगे। ट्रिब्यूनल ने अब इस मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को सुनिश्चित की है।


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