सरकार के खिलाफ लामबंद हुई पूर्व चयनित आशा वर्कर
सहयोगी, पद्धर : स्वास्थ्य विभाग के अंर्तगत 2007 में पंचायतों में रखी जाने वाली जिन आशा वर्करों ने साक्षात्कार दिए थे, उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी जगह नए उम्मीदवार की नियुक्ति की गई तो वे कार्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। द्रंग तथा चौंतड़ा खंड की लगभग 60 आशा कार्यकर्ताओं की आवेदिकाओं ने जिन्होंने 2007 में इस पद के लिए साक्षात्कार दिए थे ने पद्धर में बैठक की।
उन्होंने कहा कि विभाग ने उनके साक्षात्कार लेकर पंचायतों में उनके नाम के नियुक्ति पत्र भी भेज दिए थे। कुछ पंचायतों ने नियुक्ति पत्र आवेदकों तक पहुंचाए कहीं नियुक्ति पत्र नहीं पहुंच सके। नियुक्त वर्कर्स ने तो कई जगह काम करना भी शुरू कर दिया, परंतु विभाग ने उन्हे काम पर नहीं भेजा। अभ्यर्थी ममता, किरण, रमना, प्रेम लता, कुसमा, नागण, निर्मला, बीरवाला, सवीता, रीता, कला, मती देवी, पंमी, जसवंत कौर, विमला, कुसमा, रचना, अंजु, आशा देवी, ब्रेस्ती, लता देवी व सरोजबाला ने बताया कि प्रदेश हाईकोर्ट ने 531 आशा वर्कर्स को नियुक्ति देने के आदेश प्रदेश सरकार को दिए है। आशा वर्कर्स का कहना है कि 2007 में सरकार ने 7750 आशा वर्कर्ज की नियुक्ति की है, मगर 531 वर्कर्स जिन्होंने अपने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, को प्रदेश सरकार ने आशा वर्कर के पद पर नियुक्ति दे दी है। चौंतड़ा तथा द्रंग खंड की लगभग 60 वर्कर्स ने सरकार को चेताया है कि वे 2007 में आशा वर्कर के पद पर चयनित हुई है। यदि उन्हें नियुक्ति न देकर नए आवेदकों को तरजीह दी गई तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से नहीं संकोच नहीं करेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से माग है कि पहले 2007 में चयनित आशा वर्कर को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दी जाए और शेष बचे पदों के लिए अन्य उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाए।