जोगेंद्रनगर-सरकाघाट मार्ग पर चलना जरा संभल कर
संवाद सहयोगी, मंडी : बरसात में जोगेंद्रनगर-सरकाघाट मार्ग पर बसाही से कांढापतन तक सफर करना खतरे से खाली नहीं है। बसाही से दबडैहल तक तीन जगहों में भूस्खलन से बार-बार यातायात कई घंटों के लिए पूर्ण रूप से बाधित हो रहा है। तीनों ही जगहों में पहाड़ी से मलबा व चट्टानें गिरने से कोई बड़ा हादसे होने का अंदेशा बना हुआ है। दो दिन पूर्व गिरी चट्टानों के आगे विभागीय मशीनरी भी फेल हो चुकी है। ऐसे में इस मार्ग से सफर करना यात्रियों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। गौर हो कि मंगलवार को कांगड़ा जिला में एक कार चट्टानों के नीचे दबने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों की मानें तो अब यदि भारी बारिश होती है तो मार्ग ठाणगढ़ के समीप कई दिनों के लिए बाधित हो सकता है क्योंकि पहाड़ी से पहले ही अधिक मलबा सड़क पर आ चुका है, जिसे सड़क किनारे के एक तरफ फेंका गया है। रोजाना बंद रहे राजमार्ग ने क्षेत्र के लोगों सहित यात्रियों के लिए भी यह आफत का कारण बना हुआ है। लांगणा, तुलाह सहित आसपास के क्षेत्रों से रोजाना करीब 100 से अधिक कर्मचारी व छात्र सफर तय करते हैं मगर राजमार्ग के बंद होने के कारण उन्हें व यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जोगेंद्रनगर-सरकाघाट राजमार्ग में बसाही से कांढापतन तक डबललेन का काम जोरों पर है। इसके चलते पहाड़ की कटाई की गई है। विशेषज्ञों की मानें तो पहाड़ की कटाई के बाद भूस्खलन की दिक्कतें बढ़ी हैं और करीब तीन वर्षो से स्थानीय लोगों को हर वर्ष बरसात के दौरान यह दंश झेलना पड़ रहा है।
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बारिश में यह रूट अपनाएं
बरसात में बारिश के दौरान मंडी से मंडी-कोटली-रसोली-धर्मपुर-सरकाघाट, मंडी-नेरचौक-दुर्गापुर-सरकाघाट व मंडी-कोटली-रसोली-धर्मपुर-लांगणा-तुलाह और जोंद्रनगर से जोगेंद्रनगर-बैजनाथ-लडभड़ोल-लांगणा-नेरी रूट अपनाएं। इन रूटों के माध्यम से यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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प्राथमिकता से किया जा रहा काम
सड़क पर मलबा आने की सूचना पर ही विभागीय टीम मौके पर पहुंच जाती है और जेसीबी के माध्यम से मार्ग को यातायात के लिए बहाल करती है। बारिश के दौरान मलबा नहीं हटाया जा सकता है क्योंकि मलबे आ रही चट्टाने खतरनाक साबित हो सकती हैं।
मंगलेश कुमार, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग।